इंग्लैंड को 50 ओवर का विश्व कप जीते हुए एक ठीक एक साल हो गए हैं। विश्व कप जीत की पहली सालगिरह पर कप्तान इयोन मोर्गन ने उस पल को याद किया जब उन्हें लगा कि उनकी टीम लॉर्ड्स में उस शाम न्यूजीलैंड के खिलाफ अब जीत नहीं सकती।
आज से ठीक एक साल पहले इंग्लैंड ने 14 जुलाई 2019 को नाटकीय खिताबी मुकाबले में न्यूजीलैंड को बाउंड्री नियम के आधार पर हराकर आईसीसी विश्व कप की ट्रॉफी अपने नाम की थी। दिलचस्प बात ये है कि इस मैच का नतीजा सुपर ओवर जरिए निकला था जो विश्व कप के फाइनल के इतिहास में पहली बार देखने को मिला था।
इयोन मोर्गन ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बातचीत में कहा, "सिर्फ एक बार कुछ सेकेंड के लिए ऐसा क्षण आया जब मुझे जीत को लेकर शंका हुई। जिमी नीशम ने बेन को गेंद फेंकी, ये एक धीमी गेंद थी जिसे बेन ने लांग ऑन की तरफ हिट किया और मुझे याद है कि गेंद हवा में थी।"
उन्होंने आगे कहा, "गेंद काफी ऊंची गई, लेकिन उतनी लंबी नहीं गई। और एक पल के लिए मुझे लगा कि यह खत्म हो गया है, बेन आउट है, हमें अभी भी 15 ओवर की जरूरत है। ये वो पल था जब मुझे लगा कि सब खत्म हो गया।"
लॉर्ड्स में खेले गए इस रोमांचक फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट खोकर 241 रन बनाए थे। इसके बाद बल्लेबाजी करने आई मेजबान इंग्लैंड की टीम बेन स्टोक्स की नाबाद 84 रन की पारी की बदौलत टारगेट तो हासिल नहीं कर सकी लेकिन स्कोर बराबर करने में सफल रही।
इसके बाद मैच सुपर ओवर में चला गया जहां एक बार फिर दोनों टीमों ने बराबरी का स्कोर बनाया लेकिन बाउंड्री नियम के आधार पर मेजबान इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया गया क्योंकि इस फाइनल मुकाबले में इंग्लिश टीम ने सबसे ज्यादा चौके और छक्के लगाए थे। इंग्लैंड के लिए 236 वनडे मैचों में 7368 रन बना चुके 33 वर्षीय मॉर्गन ने कहा कि विश्व कप फाइनल 'वास्तव में क्रिकेट से बड़ा' था और लंबे समय तक लोगों को याद रहेगा।"
50 ओवर का विश्व कप जीतने के बाद अब मोर्गन की नजरें अब टी20 विश्व कप पर टिकी हैं और वह चाहते हैं कि उनकी टीम एक साथ दो प्रारूपों में विश्व कप विजेता बनने वाली पहली टीम बने।