क्राइस्टचर्च: भारत ने जूनियर क्रिकेट में अपना दबदबा कायम रखते हुए चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पर 203 रन से धमाकेदार जीत दर्ज करके छठी बार अंडर 19 विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया। इस स्तर पर भारत की पाकिस्तान पर यह सबसे बड़ी जीत है। भारत ने 2000 में मोहम्मद कैफ की अगुवाई में, 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में, 2012 में उन्मुक्त चंद की कप्तानी में यह खिताब जीता है । वहीं 2006 ( चेतेश्वर पुजारा ) और 2016 ( ईशान किशन ) में टीम फाइनल में हार गई थी।
फॉर्म में चल रहे शुभमान गिल ने 94 गेंद में नाबाद 102 रन बनाये जिससे भारत ने नौ विकेट पर 272 रन का स्कोर खड़ा किया। जवाब में पाकिस्तान की टीम 29.3 ओवर में 69 रन पर आउट हो गई । तेज गेंदबाज ईशान पोरेल ने छह ओवर में 17 रन देकर चार विकेट लिये। कप्तान पृथ्वी शॉ ने कहा,‘‘गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। मैं प्रदर्शन से बहुत संतुष्ट हूं। मुझे आस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल रोमांचक रहने की उम्मीद है । मैं दर्शकों को सहयोग के लिये धन्यवाद देना चाहती हूं।’’
आईपीएल नीलामी को लेकर खिलाड़ियों का ध्यान बंटने की आशंकायें भी निर्मूल साबित हुई और अपने गुरू राहुल द्रविड़ की सलाह पर पूरी तरह अमल करते हुए उन्होंने मैच पर फोकस किया। द्रविड़ की टीम अब तीन फरवरी को फाइनल में आस्ट्रेलिया से खेलेगी। इससे पहले 2012 में भी इन्हीं टीमों के बीच हुए खिताबी मुकाबले में भारत जीता था। द्रविड़ के कोच रहते भारत लगातार दूसरी बार अंडर 19 विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है।
भारत ने इस मैच को पूरी तरह एकतरफा बना दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए पृथ्वी शॉ और मनजोत कालरा ने 89 रन की साझेदारी की। दोनों हालांकि एक के बाद एक अपना विकेटगंवा बैठे जिसके बाद गिल क्रीज पर उतरे। गिल ने पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों अरशद इकबाल, शाहीन अफरीदी और मूसा खान को मैदान के चारों ओर शाट्स लगाये। गिल ने मैच के बाद कहा,‘‘मैं इस पारी को बेहद खास मानता हूं। पिच धीमी थी और स्ट्रोक्स खेलना आसान नहीं था। मुझे मैन ऑफ द मैच पुरस्कार मिलने की खुशी है।’’