भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए निदाहास ट्रॉफी के फाइनल मैच में टीम इंडिया को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले दिनेश कार्तिक ने फाइनल मुकाबले से ठीक पहले बेहद ही इमोश्नल बयान दिया था। कार्तिक के बयान में उनका दर्द साफ महसूस किया जा सकता था। कार्तिक को इस बात का अंदाजा था कि वो अब तक टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की नहीं कर सके हैं और एक टूर्नामेंट में खराब बल्लेबाजी करने पर उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। आइए आपको बताते हैं कि कार्तिक ने फाइनल से ठीक पहले क्या कुछ कहा था और उन्हें क्यों सता रहा था टीम से बाहर होने का डर?
फाइनल से पहले कार्तिक का बयान: निदाहास ट्रॉफी के फाइनल से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कार्तिक ने कहा था, 'मैं जिन हालातों में टीम में खेल रहा हूं उस हिसाब से मेरे लिए हर सीरीज या टूर्नामेंट बहुत अहम है। अगर मैं किसी एक सीरीज या टूर्नामेंट में भी खराब खेलता हूं तो मुझे टीम से बाहर कर दिया जाएगा। इसलिए हर सीरीज में मुझे अपने खेल के शिखर पर होना होगा और अपना बेस्ट देना होगा। मुझपर टीम में बने रहने का दबाव रहता है लेकिन मुझे इस दबाव को झेलना आना चाहिए।'
कार्तिक ने आगे कहा था, 'मेरे लिए हर मैच महत्वपूर्ण है और मुझे हर मैच में रन बनाने ही होंगे।' आपको बता दें कि कार्तिक का ये बयान फाइनल मुकाबले से ठीक पहले का है। इसके बाद कार्तिक ने भारत को बेहद रोमांचक मुकाबले में आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर जीत दिलाई थी। भारत को बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी 2 ओवरों में 34 रन चाहिए थे और कार्तिक के 8 गेंदों में नाबाद 29 रन की बदौलत भारत ने मुकाबले को जीत लिया था।