स्टीव बकनर ने भले ही क्रिकेट अंपायरिंग को अलविदा कह दिया हो लेकिन भारतीय क्रिकेट फैंस की नजरों में उनकी छवि किसी खलनायक की तरह है। इसके पीछे वजह है 2008 में सिडनी में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खेला गया टेस्ट मैच जिसमें बतौर अंपायर स्टीव बकनर के कई गलत फैसले दिए थे। ये फैसले उन्होंने भारत के खिलाफ दिए थे जिसके बाद उनकी छवि भारतीय क्रिकेट फैंस की नजरों में काफी विवादित बन गई।
इसी विवाद को लेकर स्टीव बकनर ने एक बड़ा खुलासा किया है। स्टीव बकनर ने डेली से बातचीत करते हुए कहा है कि सिडनी टेस्ट में हुई वो गलतिया उन्हें आज भी परेशान करती हैं। बकनर ने कहा, " "मैंने सिडनी टेस्ट 2008 में दो गलितयां कीं। पहली गलती तब हुई जब भारत अच्छा कर रही थी, आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज को शतक बनाने दिया। दूसरी गलती मैच के पांचवें दिन, जिसके कारण शायद भारत को मैच गंवाना पड़ा। लेकिन फिर भी, पांच दिन में वो दो गलतियां। क्या मैं पहला अंपायर था जिसने टेस्ट मैच में दो गलतियां कीं? लेकिन फिर भी वो दो गलतियां मुझे परेशानी करती हैं।"
बकनर ने कहा, "आपको समझना होता है कि गलतियां क्यों होती हैं। आप एक ही तरह की गलती दोबारा नहीं करना चाहते। मैं कोई बहाना नहीं बना रहा हूं, ऐसा समय होता है कि हवा बह रही होती है और उसी कारण आपको आवाज सुनाई नहीं देती। कॉमेंटेटर्स स्टम्प माइक से आवाज सुन सकते हैं लेकिन अंपायर इसे लेकर सुनिश्चित नहीं रहते। यह वो चीजें होती हैं जो दर्शक नहीं जानते।"
गौरतलब है कि 2008 में सिडनी में खेला गया टेस्ट मैच स्टीव बकनर की अंपायरिंग की वजह से काफी विवादों में रहा था। इस मैच में ईशांत शर्मा की गेंद पर एंड्रयू साइमंड्स विकेट के पीछे धोनी के हाथों लपके गे थे लेकिन बकनर ने उन्हें आउट नहीं दिया। ये वाक्या जब हुआ तब साइमंड्स 30 रनों पर खेल रहे थे और जीवनदान मिलने के बाद उन्होंने 162 रनों की पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया को 134 रनों से 463 रनों के स्कोर तक पहुंचाया।
यही नहीं, बकनर ने गलत तरीके से द्रविड़ को आउट करार दिया था। भारत 333 रनों का पीछा कर रहा था और द्रविड़ का बल्ला पैड के पीछे ही था। रिप्ले में बताया गया था कि बल्ले और गेंद का कोई संपर्क नहीं हुआ है।
इसके बाद बकनर को आईसीसी ने तीसरे टेस्ट मैच में अंपायरिंग करने से हटा दिया था क्योंकि दोनों टीमों के बीच टेंशन बढ़ गई थी और भारतीय टीम ने सीरीज से नाम वापस लेने का भी मन बना लिया था। स्टीव बकनर ने 2009 में अंपायरिंग को अलविदा कह दिया था। संन्यास लेने से पहले बकनर ने 128 टेस्ट मैच जबकि 181 वनडे मैचों में अंपारयरिंग की थी।
(With IANS inputs)