मुंबई| भारत के युवा सलामी बल्लेबाज और आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स से खेलने वाले पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) का कहना है कि उनके आदर्श सचिन तेंदुलकर ने हमेशा उनसे दो चीज़ें अपनाने को कहा, पहला अपना स्वाभाविक खेल खेलना और दूसरा मैदान के बाहर शांत रहना। शॉ ने ये बात अपनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट में कही।
टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक जमाने वाले भारतीय बल्लेबाज शॉ ने कहा, "उनका (सचिन) मेरे ऊपर बड़ा प्रभाव है। मैं जब आठ साल का था तब मैं उनसे पहली बार मिला था। उन्होंने हमेशा मुझसे अपना स्वाभाविक खेल और स्थिति के हिसाब से खेलने को कहा है। मैदान के बाहर उन्होंने मुझे शांत रहने को कहा है।"
इतना ही नहीं शॉ ने आगे बताया कि तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने एक बार उनसे ग्रिप बदलने को मना कर दिया था। उन्होंने कहा, "मैं निचले हाथ को ज्यादा इस्तेमाल करने वाला खिलाड़ी हूं और सचिन सर ने मुझसे मेरी ग्रिप न बदलने को कहा था। मैं युवा था और प्रशिक्षकों की सलाह पर ग्रिप बदलता था, लेकिन सचिन सर के कहने के बाद मैंने ऐसा नहीं किया।"
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मुंबई के इस युवा बल्लेबाज की अक्सर तुलना सचिन से की जाती है। इस तुलना पर शॉ ने कहा, "जब लोग मेरी तुलना उनसे करते हैं तो दबाव बढ़ता है, लेकिन मैं इसे चुनौती की तरह लेता हूं। मैं उनकी तरह खेलने की कोशिश करता हूं। वह क्रिकेट के भगवान हैं।"
क्रिकेट के अलावा बाकी के अन्य पसंदीदा खेलों के बारे में शॉ ने कहा, "मैं गोल्फ, टेबल टेनिस खेलता हूं और तैराकी करता हूं।" कोविड-19 के कारण लागू बंद में शॉ ने फिट रहने की अहमियत पर भी जोर दिया।
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बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली बीते साल कैपिटल्स के मेंटॉर थे। उनके साथ समय बिताने को लेकर शॉ ने कहा, "उनके साथ शानदार अनुभव मिला और उन्होंने मेरी काफी मदद की, क्योंकि वह जानते हैं कि युवाओं को कैसे मोटिवेट करना है। यह शानदार अनुभव था।"
शॉ से जब अपना पसंदीदा सलामी जोड़ीदार पूछा गया तो उन्होंने कहा, "शिखर धवन क्योंकि मैंने अधिकतर समय उनके साथ ही पारी की शुरुआत की है।"