भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी का मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग के आयोजन के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के हाथ से समय निकलता जा रहा है। आईपीएल का 13वां संस्करण पहले 29 मार्च से शुरू होना था, लेकिन भारत में कोरोनोवायरस महामारी के कारण 25 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन लागू कर दिया गया जिससे टूर्नामेंट को 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित करना पड़ा। इसके बाद जब लॉकडाउन में 2 सप्ताह का इजाफा किया गया तो बीसीसीआई को आईपीएल 2020 अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा।
क्रिकेट ही नहीं पूरे खेल जगत के लिए ये मुश्किल समय है और शमी का मानना है कि टूर्नामेंट आयोजकों के लिए आईपीएल कराना बहुत मुश्किल होगा क्योंकि इस साल ऑस्ट्रेलिया में T20 वर्ल्ड कप का भी आयोजन होना है। शमी ने एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में कहा, "मुझे नहीं लगता कि आईपीएल के लिए अब समय बचा है क्योंकि टी 20 विश्व कप के भी आगे जाने की संभावना है और सब कुछ रुक गया है। आईपीएल को पुनर्निर्धारित करना होगा लेकिन मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए मुझे नहीं लगता कि आईपीएल संभव होगा।"
एक समय था जब मोहम्मद शमी का क्रिकेट करियर खत्म होने की कगार पर था लेकिन पिछले कुछ सालों में शमी ने जिस तरह का सुधार अपनी गेंदबाजी में किया वो सबके सामने हैं। शमी ने पिछले 2 साल में बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर दुनिया के शानदार गेंदबाजों की फेहरिस्त में अपना नाम शामिल करा लिया है। इस बारें में शमी ने बताया, "मैंने पिछले 2 सालों में जितना खुद को बदला है उतना पूरे जीवन में नहीं बदला। इस दौरान मैंने काफी उतार-चढ़ाव देखा। कामना करता हूं कि ऐसा किसी के भी साथ न हो"
शमी ने आगे बताया, " 2015 में इंजुरी के बाद मैंने खुद में बहुत बदलाव किया। मैंने जीवन में इससे पहले कभी भी इतनी ज्यादा मेहनत नहीं की थी। बस एक ही चीज थी कि मुझे हार नहीं माननी है। पिछले 2-3 सालों में मैंने अपनी ट्रेनिंग और लाइफस्टाइल में काफी बदलाव किया। खाने-पीने का तरीका बदला जिससे मेरी लाइफ और फिटनेस में काफी सुधार हुआ।"
मोहम्मद शमी ने हाल ही में रोहित के साथ लाइव चैट में खुलासा किया था कि उन्होंने तीन बार आत्महत्या करने की कोशिश की थी। इस घटना को याद करते हुए शमी ने कहा, "उस समय मेरे जीवन में ऐसी चीजें चल रही थीं कि मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। उस समय मुश्किल परिस्थिति का सामना ठीक से नहीं कर पा रहा था। मैं भाग्यशाली था कि मेरे दोस्त और परिवार मेरे साथ था और खुद से ज्यादा मेरे लिए वह परेशान थे। मैंने एक बार उनसे कहा था कि इस तरह जीने से मौत बेहतर होगी और वे बहुत डर गए। इसके बाद वह हर समय मेरे साथ रहते थे।"
शमी ने आगे बताया, "अब अल्लाह का कर्म है कि सब कुछ ठीर है और जीवन वापस पटरी पर लौट आई है। मेरे खिलाफ दहेज का मामला अदालत में चल रहा है लेकिन हम देखेंगे कि क्या होता है। मैं अपनी बेटी से बहुत लंबे समय से नहीं मिला हूं लेकिन एक बार उसके साथ वीडियो कॉल पर बात हुई। किसी भी माता-पिता के लिए अपने बच्चों से दूर रहना आसान नहीं है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि मैं जल्द ही उससे मिलूंगा।"