नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर ऋषिकेश कानितकर आज अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं। वैसे ऋषिकेश का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर ज्यादा लंबा नहीं रहा। उन्होंने अपने करियर में सिर्फ 2 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 74 रन बनाए। जबकि 1997 में श्रीलंका के खिलाफ इंदौर वनडे से डेब्यू करने वाले कानितकर ने अपना आखिरी मैच 30 जनवरी 2000 में खेला था। कानितकर ने 34 वनडे मैचों की 27 पारियों में 17.84 की औसत से 339 रन बनाए और इतने मैचों में 17 विकेट भी हासिल किए।
कानितकर का अंतर्राष्ट्रीय करियर भले ही उतना अच्छा न रहा है लेकिन उनके 1 चौके की यादें आज भी क्रिकेट फैंस के जहन में जिंदा हैं। जी हां पाकिस्तान के खिलाफ सिल्वर जुबली इंडिपेंडेंस कप के फाइनल मुकाबले में चौका लगाकर टीम इंडिया को जीत दिलाने के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
1998 के उस फाइनल मैच में, पाकिस्तान ने 48 ओवर के उस मैच में 314 रन बनाए, और भारत के सामने विश्व रिकॉर्ड लक्ष्य रखा था। सौरव गांगुली और रॉबिन सिंह की दुसरे विकेट के लिए 179 रनों की साझेदारी ने ये मैच भारत के पक्ष में ला खडा किया, लेकिन रॉबिन सिंह के आऊट होते ही भारत के एक के बाद एक विकेट गिरने लगे। आखिरी ओवर में भारत को 9 रन चाहिए थे, और गेंदबाजी सकलैन मुश्ताक कर रहे थे। जब 2 गेंदों में भारत को 3 रन चाहिए थे तब कानितकर ने चौका लगाकर भारत को चैंपियन बनाया।
गौरतलब है कि कानितकर भारत के लिए ज्यादा सफल नहीं रहे, लेकिन प्रथम श्रेणी में उनका रिकॉर्ड शानदार है। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 33 शतकों की मदद से 10 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं।
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