सेमीफाइनल में अपनी धुंआधार पारी से भारतीय क्रिकेट टीम को फाइनल में पहुंचाने वाली हरफनमौला हरमनप्रीत कौर का नाम आज घर घर में लिया जा रहा है। उन्होंने महिला विश्व कप में गत विजेता ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 115 बॉल पर 171 रन बनाकर सबको चौंका दिया।
दरअसल भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान और CoA की सदस्य डायना इडुलजी ही थी जिन्होंने सबसे पहले हरमनप्रीत की प्रतिभा को पहचाना था और इस प्रतिभा को तराशने के लिए उन्होंने हरमनप्रीत को पश्चिमी रेल्वे में नौकरी दिलवाई थी। लेकिन ये काम इतना आसान नहीं था और इसे आख़िरकार सचिन तेंदुलकर ने अंजाम दिया था।
इडुलजी पश्चिमी रेल्वे में अधिकारी थीं और हरमनप्रीत को खेलते देखती रहती थीं। वह चाहती थीं कि हरमनप्रीत मुंबई से खेलें लेकिन हरमनप्रीत के पास उत्तर रेल्वे में एक जूनियर पोस्ट का ऑफ़र था। डायना चाहती थीं वो बड़ी पोस्ट पर मुंबई आएं।
डायना ने बताया, “मैंने उससे कहा कि मैं उसे बड़ी नौकरी दिलवा दुंगी। उसे उत्तर रेल्वे में छोटी नौकरी मिल रही थी लेकिन मैंने उसके सामने चीफ़ ऑफ़िस सुपरीटेंडेंट का ऑफ़र रखा। बाद में उसका आवेदन दिल्ली भेजा गया लेकिन राष्ट्रपति ने ख़ारिज कर दिया।”
“मैंने फिर सांसद सचिन तेंदुलकर से रेल मंत्री को पत्र लिखने का आग्रह किया और इस तरह से सचिन की मदद से हरमनप्रीत को पश्चिम रेल्वे में नौकरी मिल गई।