पिछले दो दशकों में देखा जाए तो भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम जब भी एक-दूसरे के खिलाफ मैदान पर उतरती है तो रोमांच अपने चरम पर होता है। एक तरफ ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने आक्रमक रवैये के लिए जानी जाती है तो वहीं भारतीय खिलाड़ियों के बारे में यह धारणा है कि वह मैदान पर सौम्य रहते हैं लेकिन पिछले 10-15 सालों में यह बिल्कुल ही बदल गया है। खास तौर से सौरव गांगुली के कप्तानी में यह बदलाव देखा गया और इसे महेंद्र धोनी और विराट कोहली ने आगे बढ़ाया। ऐसे में अब जब भी दोनों टीमें मैदान पर उतरती है तो खिलाड़ियों के बीच खूब छींटाकशी देखने को मिलती है।
इसी छींटाकशी को लेकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ब्रैड हॉग ने 'क्रिकेट टुडे' को दिए एक इंरटव्यू में बताया कि अब भारतीय टीम के खिलाड़ी भी छींटाकशी का किस तरह से मूंहतोड़ जवाब देते हैं।
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हॉग ने साल 2001 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे का ज्रिक करते हुए कहा, ''भारतीय टीम में आक्रमकता लाने का श्रेय पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को जाता है। सौरव ही वह पहले कप्तान थे जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया को निडरता के साथ खेलने के लिए प्रोतसाहित किया।''
इसके साथ ही हॉग ने उस घटना को भी याद किया जब गांगुली ने स्टीव वॉ को टॉस के लिए इंतजार कराया था। इस पर गांगुली का कहना था कि वह ब्लेजर पहनना भूल गए थे इसलिए उन्हें टॉस के लिए मैदान पर आने में देरी हुई थी। इससे पहले अमूमन टॉस के दौरान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ही देरी से आते थे।
इसके बाद भारतीय टीम साल 2003 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई और यहां उसने 22 साल के अंतराल के बाद ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टेस्ट मैच जीता था। इसके बाद टीम इंडिया साल 2007-08 में भी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई लेकिन यहां उसे 1-2 से सीरीज में हार का सामना करना पड़ा।
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वहीं साल 2011/12 और 2014/15 में भी टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर सीरीज गंवाई लेकिन इसके बाद से भारतीय टीम ने टेस्ट फॉर्मेट में काफी सुधार किया और साल 2018/19 के दौरे पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 71 साल बाद पहली बार मेजबान को उसकी धरती पर हराकर इतिहास रच दिया।
हॉग ने मौजूदा टेस्ट सीरीज को लेकर भी अपनी बात रखी और कहा, ''हमें अपने घरेलू मैदान पर चुनौती देना पसंद नहीं है। टिम पेन के बर्ताव पर हॉग ने कहा कि जब हम दबाव में होते हैं तो हम अलग तरह से प्रतिक्रिया दे सकते हैं। यह सिर्फ टेस्ट मैच के 5 वें दिन ही दिखा। अगर आप बल्लेबाज से बात करने लगते हैं तो आपने अपना ध्यान खो दिया है।''
वहीं मौजूदा सीरीज की बात करें तो अभी यह बराबरी पर है। टीम इंडिया ने यहां चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेल रही है। सीरीज के तीन मुकाबले खेले जा चुके हैं जबकि आखिरी और चौथा मैच ब्रिसबेन में खेला जाना अभी बांकी है। अबतक खेले गए तीन मुकाबलों में काफी कुछ देखने को मिल चुका है। सीरीज में दोनों ही टीमों ने एक-एक मैच जीते हैं जबकि तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ रहा।