नयी दिल्ली: निदाहास ट्रॉफ़ी फ़ाइनल में आख़िरी बॉल पर छक्का लागाकर सनसनीख़ेज़ जीत दिलाने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक का कहना है कि ये सब उनके कर्मों की वजह से संभव हो सका. बता दें कि कार्तिक ने फ़ाइनल में 8 गेंदों पर 29 रन बनाए थे.
क्रिकइंफो के अनुसार कार्तिक ने चेन्नई में मीडिया से कहा- "ये शायद मेरे कर्म थे. शायद, जो पिछले सालों में जो मैंने अच्छे काम किए हैं उसी की वजह से मैं वो छक्का लगा पाया. अगर छक्के की जगह चौका लग जाता तो मैच सुपर ओवर में चला जाता और पूरा दृश्य ही बदल जाता. वो शॉट जो दो मिली मीटर एक्ट्रा गया मेरे लिए बड़ी बात थी. शायद आप जो सालों अच्छे कर्म करते हैं उसका पल मिलता है. मैं क्रिकेट खेल कर ख़ुश हूं. इतने सालों तक खेलने के बाद अचानक आप केंद्र में आ जाएं तो अच्छा एहसास होता है. अब मैं आगे भी इसी तरह से करता रहना चाहता हूं."
उस मैच में जब कार्तिक 7 नंबर पर बैटिंग करने आए थे तब इंडिया को आख़िरी दो ओवर्स में 34 रन बनाने थे. उन्होंने पहले रुबले हुसैन की पहली तीन गेंदों पर दो छक्के और एक चौका लगाया. कार्तिक ने फिर एक और चौका लगाकर ये अवर ख़त्म किया.
कार्तिक ने कहा कि अपनी बैटिंग के लिए बैटिंग कोच संजय बांगड़ और अपने देस्त तथा मेंटॉर अभिषेक नायर को धन्यवाद दिया. ुन्होंने कहा कि बांगड़ ने उन्हें क्रीज़ का इस्तेमाल करना सिखाया.