नई दिल्ली : भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने देश के लिए सक्सेस मंत्र देते हुए हेल्दी और फिट इंडिया बनाने का मंत्र अपने पहले संसदीय भाषण में दिया है,हालांकि वे अपनी बात संसद में नहीं रख पाए थे लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया में फेसबुक पर वहीं भाषण पढ़ा जो उन्होंने संसद में बोलने के लिए लिखा था। सचिन ने खेल की बात की,देश को बदलने की बात की, कैसे फिट और हिट बन सकता है इंडिया और हम ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हो सकते है,ऐसे नए भारत की बात करते जिन बातों को रखा है वह ना केवल उम्मीद जगाने वाला है बल्कि 125 करोड़ भारतीयों से जुड़ा है।
भारत रत्न सचिन तेंदुलकर सचिन तेंदुलकर ने कहा, हेल्दी और फिट इंडिया बनाना है तो खेल का कल्चर विकसित करें
1- यंग इंडिया कहते हैं लेकिन देश में डायबिटीज़ के 75 मिलियन मरीज़ है. मोटापे के मामले में विश्व में हम तीसरे नंबर पर है.
2- जीवन शैली बदलनी होगी और इसके लिए योजना बनानी होगी तभी हम स्पोर्टिंग नैशन बन सकते हैं.
3- मोबाइल के ज़माने में हम IMMOBILE होते जा रहे है. हमारे फ़िटनेस के सेशन लाइट और खाने के सेशन हेवी होते जा रहे हैं.
4- हमें खेल को पसंद करने वाले अपने देश को खेल खेलने वाला देश बनाने की ज़रुरत है. पूर्वोत्तर राज्य में देश की कुल आबादी का 4 प्रतिशत हिस्सा रहता है लेकिन खेल का कल्चर है. मेरी कॉम, दीपा करमाकर आदि इसके उदाहरण है. खेल सौहार्द बढ़ाता है, नेल्सन मंडेला ने सौहार्द के लिए खेल को ही चुना था. खेल से चरित्र का निर्माण होता है और चरित्र निर्माण से ही देश का निर्माण होता है।
5- शरारती बच्चे के रुप में विश्व कप जीतने का सपना देखा था. सपने को साकार करने के लिए योजना बनाई, सामने लक्ष्य था, कभी-कभी विफल भी रहा लेकिन खेल ने मुझे संघर्ष करना सिखाया ।
6- सभी को कोई न कोई खेल खेलना चाहिए, चैयरपर्सन (वैंकया नायडू) बैडमिंटन खेलते हैं, बॉलीवुड के शायर गुलज़ार टेनिस खेलते है.
7- देश में खेल सुविधाएं बढ़ानी चाहिए, श्री अरुण जेटली से इस दिशा में कुछ करने की अपील करता हूं ।
स्कूल में खेल भी अन्य विषयों की तरह होना चाहिए । उन बच्चों को अतिरिक्त अंक या ग्रेड दिया जाना चाहिए जो पढ़ाई के दौरान खेल में अपने राज्य या देश का प्रतिनिधित्व करते हैं
8- लड़की को हम लक्ष्मी कहते हैं लेकिन उसे लक्ष्मी की तरह रखना भी चाहिए. माता-पिता को बेटे-बेटी दोनों को समान अवसर देना चाहिए. पीवी संधू, सानिया आदि इसका उदाहरण हैं
9- ओलंपिक में मैडल जीतने के लिए समर्पित स्टाफ़ होना चाहिए जो एथलीट्स के साथ सारा वक़्त मेहनत करें
10 - खेल की उम्र 35-40 से ज़्यादा नहीं होती, रिटायर्ड खिलाड़ियों को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए कोच नियुक्त करना चाहिए