सिडनी। भारतीय टीम का अपने पहले टी20 महिला विश्व कप फाइनल में पहुंचना कप्तान हरमनप्रीत कौर के लिये दोहरी खुशी का मौका बना क्योंकि इस अवसर पर उनके अंतरराष्ट्रीय करियर में पहली बार उनके माता-पिता भी दर्शक के रूप में मौजूद रहे। ग्रुप चरण में एक भी मैच नहीं गंवाने से भारतीय टीम गुरूवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल बारिश से धुलने के बावजूद फाइनल में पहुंच गयी।
हरमनप्रीत ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘यह पहली बार होता जब वे मुझे क्रिकेट खेलते हुए देखते। जब मैं स्कूल में थी तब मेरे पिता मेरा मैच देखते थे। मेरी मां ने कभी भी मुझे क्रिकेट खेलते हुए नहीं देखा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे आज का मैच देखना चाहते थे लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें मैच देखने को नहीं मिला।’’
हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘यह मेरे लिये काफी मायने रखता है क्योंकि पहले दिन से मैं चाहती थी कि वे मुझे खेलते हुए देखें और आज मुझे यह मौका मिला था। वे हम सभी को खेलते हुए देखना चाहते थे और मुझे उम्मीद है कि हमें सभी के माता पिता का समर्थन मिलेगा और हम इस टूर्नामेंट को जीतने की कोशिश करेंगे। ’’ उनके माता पिता आस्ट्रेलिया में रहेंगे और हरमनप्रीत के 31वें जन्मदिन पर एमसीजी में होने वाले फाइनल को देखेंगे। भारतीय कप्तान को लगता है कि कार्यक्रम में सेमीफाइनल के लिये एक रिजर्व दिन रखना अच्छा होता।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें मैच खेलने को नहीं मिला। लेकिन इसके लिये नियम होते हैं जिसका हमें पालन करना होता है। लेकिन भविष्य में रिजर्व दिन रखना अच्छा होगा।’’ हरमनप्रीत ने ग्रुप चरण के सफर के बारे में कहा, ‘‘पहले दिन से हम जानते थे कि हमें सभी मैच जीतने होंगे क्योंकि अगर किसी वजह से सेमीफाइनल नहीं हो पाता है तो मुश्किल पैदा हो सकती है। इस लिहाज से श्रेय टीम को जाता है जिसने सभी मैच जीते।’’ भारतीय टीम पहली बार महिला टी20 विश्व कप के फाइनल तक पहुंची है। वह 2009, 2010 और 2018 में यह मौका हासिल नहीं कर पायी थी।