नयी दिल्ली: श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में खराब प्रदर्शन से हरभजन सिंह दबाव में आ गए हैं और भारत के पूर्व स्पिनर वेंकटपति राजू का मानना है कि यह अनुभवी आफ स्पिनर वापसी में अपनी उपयोगिता साबित करने के लिये अतिरिक्त प्रयास करने के चक्कर में फ्लाप रहा ।
स्पिनरों के दबदबे वाले मैच में हरभजन ने 25 ओवरों में सिर्फ एक विकेट लिया । भारत 63 रन से हारकर तीन मैचों की श्रृंखला में 0 . 1 से पिछड़ गया है ।
राजू ने प्रेस ट्रस्ट से कहा , अपने एक्शन में सुधार के दौरान हरभजन रिहैबिलिटेशन की प्रक्रिया से गुजरा । फिर वह टीम से बाहर था और अब उसने वापसी की है लिहाजा उसने अतिरिक्त प्रयास किया । अनुभव के मामले में कोई कमी नहीं है और उसे बखूबी पता है कि किन हालात में कैसे खेलना है ।
उन्होंने कहा , लेकिन समस्या यह है कि जब आप वापसी करते हैं तो आप खुद को साबित करने की कोशिश करते हैं । आप अतिरिक्त प्रयास करते हैं जो कई बार कारगर साबित नहीं होते ।
श्रीलंका में 22 साल पहले टेस्ट श्रृंखला जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे राजू ने कहा कि तीन स्पिनरों की रणनीति तभी कामयाब होती है जब स्कोर अच्छा हो ।
उन्होंने कहा , जब भारत तीन स्पिनरों के साथ उतरता था तब वीरेंद्र सहवाग जैसे बल्लेबाज थे जो काफी रन बनाते थे । 400 का स्कोर हमेशा मददगार होता है । इसके अलावा हरफनमौला गेंदबाज भी टीम में थे । अभी यह युवा टीम है जो अनुभव के साथ बेहतर होगी।