भारत के दिग्गज स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह ने आकाश चोपड़ के साथ एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौका मिला था। हरभजन ने आकश चोपड़ा के साथ बातचीत में कहा कि शायद वह 'दूसरा' गेंद या लेग कटर बहुत अच्छे डाल सकते थे जिसके कारण उन्हें बहुत जल्दी भारतीय टीम में खेलने का मौका मिल गया।
हरभजन ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि मोहाली में उन्हें एक बार नेट्स में गेंदबाजी करने के लिए बुलाया गया था। उस दौरान सचिन तेंदुलकर, मोहम्मद अजहरुउद्दीन और अजय जडेजा मेरी गेंदबाजी को देखकर काफी हैरान हुए थे।
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हरभजन ने कहा, '' 'शायद' दूसरा गेंद डालने की काबिलियत की वजह से मुझे भारतीय टीम में डेब्यू करने का मौका जल्दी मिल गया। उस समय बहुत कम गेंदबाज 'दूसरा' फेंकता था। मैं इस गेंद को लेग कटर बुलाता था लेकिन पाकिस्तान के विकेटकीपर मोइन खान के कारण इस गेंद का नाम दूसरा पड़ गया।''
उन्होंने कहा, ''जब सकलैन मुश्ताक गेंदबाजी करते थे तो मोइन विकेट के पीछे से कहता था कि साकी भाई दूसरा डाल दूसरा, ऐसे में इस गेंद का नाम दूसरा पड़ गया।''
हरभजन ने कहा, ''मुझे याद है कि जब मैं नेट्स में गेंदबाजी कर रहा था तो मेरे खिलाफ देवाशीष मोहंती बल्लेबाजी कर रहे थे और वे मेरे लेग कटर पर लगभग 4 से 5 बार आउट हुए। इससे पहले अजहरुउद्दीन अपनी प्रैक्टिस खतम करके लंच करने चले थे, सचिन भी आराम कर रहे थे लेकिन अजय जडेजा ने जैसे ही मुझे देखा तो उन्होंने सचिन और अजहर भाई बुलाया।''
इस दौरान उन्होंने मेरी गेंदबाजी को देखा और वे काफी हैरान हुए। वहीं मेरी गेंदबाजी को देखकर सचिन ने मुझसे कहा था कि आप अच्छी गेंदबाजी करते हैं बस अपने खेल पर ध्यान देना और मुझे उम्मीद है आप एक दिन भारत के लिए खेलेंगे।
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हरभजन ने कहा, ''मैं उस समय काफी डर गया था लेकिन सचिन की उस बात को मैंने गांठ बांध लिया और मैंने तय कि मैं अपने खेल पर 100 नहीं 120 प्रतिशत मेहनत करुंगा।''
इसके कुछ दिन के बाद ही साल 1998 में हरभजन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिल गया। आपको बता दें कि हरभजन सिंह भारत के लिए 103 टेस्ट मैचों में 417 विकेट ले चुके हैं।
वहीं उन्होंने भारत के लिए 236 वनडे मैचों में 269 विकेट अपने नाम किए है जबकि 28 टी-20 मैचों में उन्हें 25 विकेट मिला है।