साल 2007 भारतीय क्रिकेट के लिए काफी उतार-चढाव भरा रहा। इस साल जहां एक तरफ राहुल द्रविड़ की कप्तानी वाली टीम इंडिया को बांग्लादेश के हाथों मिली हार के कारण आईसीसी विश्वकप 2007 में हारकर ग्रुप स्टेज से बाहर होना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में युवाओं से लबरेज टीम इंडिया ने इसी साल आईसीसी के पहले टी20 विश्वकप में जीत हासिल कर भारतीय क्रिकेट को एक बार फिर फर्श से अर्श पर उठा दिया। इस तरह उस समय धोनी की कप्तानी में हरभजन सिंह भी विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा थे। इसके फ़ाइनल मैच में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को रोमांचक मैच में हराकर टी20 विश्वकप पर कब्ज़ा किया। जिसमें एक समय ऐसा लग रहा था पाकिस्तान के मिस्बाह उल हक मैच भारत से छीन ले जाएंगे मगर उनकी एक गलती से धोनी की टीम इंडिया से इतिहास रच दिया।
इस तरह पाकिस्तान के मिस्बाह उल हक की पारी को याद करते हुए हरभजन सिंह ( भज्जी ) ने एक शानदार किस्सा बताया है। ईएसपीएनक्रिकइंफो के 'क्रिकेट मंथली' से बात करते हुए हरभजन सिंह ने उस ओवर को याद किया जब फाइनल मैच में पाकिस्तान की सबसे बड़ी उम्मीद मिस्बाह उल हक ने उनके ओवर में तीन छक्के जड़ दिए थे। यह पारी का 17वां ओवर था और हरभजन ने इस ओवर में 19 रन लुटा दिए थे और मैच लगभग पाकिस्तान की झोली में आ गया था। इस तरह अपने करियर के बारे में बात करते हुए भज्जी ने कहा कि उनके करियर में कुछ ही मैच ऐसे हुए हैं जब उन्हें टेंशन महसूस हुई हो। जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 विश्व कप का ये फाइनल मैच ऐसे ही मैचों में से एक था।
गौरतलब है कि 39 साल के भज्जी ने कहा, "उस ओवर में पहला छक्का खाने के बाद वो काफी प्रेशर में आ गए थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या करना हैं। वो बस अपना ओवर खत्म करना चाह रहे थे।“
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इतना ही नहीं मिस्बाह के खिलाफ अपने प्लान के बारे में भज्जी ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा यॉर्कर गेंद फेंकने पर मुझे काफी सफलता मिली थी। यह रणनीति में मिस्बाह उल के खिलाफ भी आजमाना चाहता था। मगर मिस्बाह के खिलाफ मेरे ये प्लान काम नहीं किया और मेरे उपर प्रेशर बढ़ता गया जिसके चलते मैं जल्द से जल्द अपना ओवर खत्म करना चाहता था।"
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बता दें कि आईसीसी टी20 विश्वकप के फ़ाइनल मैच में भारत ने पहले खेलते हुए पाकिस्तान को 158 रनों का लक्ष्य दिया था। जिसके जवाब में पाकिस्तान की पूरी टीम 152 रन बनाकर ऑल आउट हो गई और भारत विश्वकप का फ़ाइनल मैच 5 रनों से जीत गया था।