ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट को दुनिया के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। विकेट के पीछे गिलक्रिस्ट की चीते समान फूर्ति और मुश्किल कैच को भी लपकने का उनका साहस देखते ही बनता था। इसके साथ ही लिमिटेड ओवरों के खेल में उनकी पहचान एक खरतनाक विस्फोटक ओपनर बल्लेबाज की भी थी।
गिलक्रिस्ट ऑस्ट्रेलियाई टीम को बल्लेबाजी के दौरान हमेशा ही एक ताबड़तोड़ शुरुआत दिलाते थे। उन्होंने अपने करियर में सबसे यादगार और बेहतरीन पारियों में से एक साल 2007 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में खेली थी। श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप फाइनल में गिलक्रिस्ट ने 104 गेंदों में 149 रनों की धमाकेदार पारी खेली थी। गिलक्रिस्ट के करियर का यह सबसे बेहतरीन पारियों में से एक माना जाता है।
एडम गिलक्रिस्ट 96 टेस्ट और 287 वनडे मैच में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व किया है। टेस्ट में उन्होंने 47.6 की औसत से 5,570 रन बनाए जबकि वनडे में गिलक्रिस्ट ने 35.9 की औसत से कुल 9,619 रन बनाए हैं।
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इसके अलावा गिलक्रिस्ट के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड भी है जिसकी हमेशा चर्चा होती है। दरअसल गिलक्रिस्ट में अपने करियर में सिर्फ विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी के लिए जानें गए हैं लेकिन उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग में गेंदबाजी भी की है और उन्होंने विकेट भी चटकाए हैं।
यह वाक्या साल 2013 के आईपीएल में मुंबई इंडियंस और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच हुए मैच की है। पंजाब की टीम इस साल लीग से लगभग बाहर हो चुकी थी और वह सिर्फ अपने बचे हुए औपचारिक मैच खेल रही थी।
मुंबई के खिलाफ मुकाबले में पंजाब की टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था और टीम जीत की दहलीज पर खड़ी थी। मुंबई की टीम को आखिरी ओवर में जीत के लिए 51 रन चाहिए थे जो कि असंभव था। ऐसे में उस समय पंजाब की ओर से खेलने वाले गिलक्रिस्ट ने आखिरी ओवर करने की इच्छा जाहिर की और उन्हें गेंद थमाया गया।
गिलक्रिस्ट का यह आखिरी आईपीएल भी था। वहीं मुंबई के लिए हरभजन सिंह बल्लेबाजी के लिए क्रिज पर मौजूद थे। गिलक्रिस्ट ने शौकिया तौर पर गेंदबाजी में हाथ जमाने की कोशिश लेकिन उन्हें पहली ही गेंद पर हरभजन का विकेट मिल गया।
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इसी घटना को हरभजन सिंह ने गौरव कपूर के साथ एक इंटरव्यू में याद कर कहा कि यह मेरे लिए काफ हैरान करने वाला था।
उन्होंने कहा, ''उस मैच में एडम गिलक्रिस्ट मेरे खिलाफ गेंदबाजी करने आए थे। मैंने सोच कि इनके ओवर में कुछ रन बना कर हार के अंतर को कम किया जा सकता है। मेरे दिमाग में था कि मैं पहली ही गेंद पर 6 रन मारने की कोशिश करूंगा। मैंने फील्ड देखी और अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया। गिलक्रिस्ट ने पहली गेंद फेंकी और मैं फाइनल लेग पर लपका गया। मेरे लिए यह काफी शर्मिंदगी भरा पल था।''
हरभजन ने कहा, ''मैं उस खिलाड़ी की गेंद पर आउट हुआ जिसने नेट्स में भी कभी गेंदबाजी नहीं की थी लेकिन मेरी वजह से वह खुश हुआ। मैंने भी टेस्ट क्रिकेट में उसे कई बार आउट किया है, तो उस समय मैंने सोचा चलो कोई नहीं तुमने भी मुझे आउट कर लिया मुझे खुश हो जाओ।''
उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ''मैंने गिलक्रिस्ट को टेस्ट में कुल 11 बार आउट किया है और गिलक्रिस्ट ने सिर्फ मुझे एक बार आउट कर उन सभी 11 बार आउट होने के बदले जश्न मना लिया। वह हर तरह से जश्न मना रहा था। मुझे आउट करने के बाद वह गंगनम डास कर रहा था। मुझे एक बार आउट करने के बाद शायद वह मुझे 11 दफे याद किया होगा।''