अंबाती रायडू, भारतीय क्रिकेट में एक ऐसा नाम जो अपने खेल से अधिक गुस्से और बगावत के कारण चर्चा में रहा है। इसी अंबाटी रायडू का आज 36वां जन्मदिन है। रायडू टीम इंडिया के लिए अबतक कुल 55 वनडे और 6 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में खेल चुके हैं जबकि मौजूदा समय में वह इंडियन प्रीमियर लीग के चेन्नई सुपरकिंग्स के अहम सदस्य हैं।
रायडू एक प्रतिभावान क्रिकेटर हैं, ऐसा उनके लिए 16 साल की उम्र में भविष्यवाणी कर दिया गया था। घरेलू स्तर पर उनके खेल का हर तरफ डंका बचने लगा था और उम्मीद जताई जा रही थी की वह जल्द ही टीम इंडिया के लिए अपना डेब्यू करेंगे लेकिन बदकिस्मती यह रही की समय-समय पर वह अपने गुस्से की वजह करियर के रास्ते में खुद ही मुश्किलें पैदा करते हैं।
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ऐसे में उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं रायडू से जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में जिसके कारण वह हमेशा चर्चा में बने रहे।-
विश्व कप टीम में नहीं मिली जगह तो लिया संन्यास
साल 2019 विश्व कप के लिए जब टीम का चयन किया गया था तो सबसे अधिक किसी के नाम की चर्चा हुई थी तो वह रायडू थे। रायडू मध्यक्रम में टीम इंडिया से सबसे प्रबल दावेदार थे लेकिन जब टीम का चयन हुआ तो उनका नाम शामिल नहीं था।
रायडू की जगह टीम में ऑलराउंडर विजय शंकर को शामिल किया गया। इस बात से रायडू इतने नाराज हुए की उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।
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इसके साथ ही रायडू ने बीसीसीआई के खिलाफ बगावती तेवर अपना लिया। इसका परिणाम उनके लिए क्या होने वाला था यह सबको पता था। हालांकि जब उनको पूर्व क्रिकेटरों की समझाइस मिली तो उन्होंने संन्यास से वापसी की घोषणा की और एक बार फिर से खुद घरेलू क्रिकेट के लिए तैयार किया।
वहीं इस घटना के बाद से उन्हें अबतक टीम इंडिया के किसी भी फॉर्मेट में जगह नहीं मिली है।
बीसीसीआई ने किया था बैन
बहुत कम लोगों को पता है की अंबाती रायडू को बीसीसीआई के द्वारा बैन कर दिया गया था। यह घटना साल 2007 की है जब बागी क्रिकेट लीग यानी इंडियन क्रिकेट लीग में वह खेलने चले गए थे।
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इंडियन क्रिकेट लीग को बीसीसीआई से मान्यता नहीं मिली थी। इस लीग के विरोध में ही साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत की गई जो आज दुनियाभर में लोकप्रिय हो चुका है।
रायडू आईसीएल का हिस्सा थे, ऐसे में बीसीसीआई ने इस लीग से जुड़े सभी तरह के लोगों को ब्लैक लिस्ट कर दिया था। इस लीग से जुड़ा कोई भी खिलाड़ी बीसीसीआई के अंदर आने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकता था।
हालांकि बाद के सालों में बीसीसीआई की माफी योजना के तहत उनका भी कथित अपराध माफ कर दिया गया और वे फिर से घरेलू क्रिकेट में खेलने लगे।
अंडर-19 विश्व कप में मचाया था धमाल
अंबाती रायडू सबसे पहले तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने महज 16 साल की उम्र में 177 रनों की तूफानी पारी खेली थी। साल 2002 में इंग्लैंड दौरे पर अंडर-19 विश्व कप के दौरान रायडू ने यह कारनामा किया था।
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रायडू के इस प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम इंडिया का अगला सुपरस्टार कहा जाने लगा था। रायडू ने इस बात को साबित भी किया और रणजी ट्रॉफी में हैदराबाद के लिए खेलते हुए एक ही मैच में उन्होंने दोहरा शतक और शतक लगाकर तहलका मचा दिया था।
इसके बाद रायडू साल 2004 में अंडर-19 विश्व कप में कप्तान बने और उनके नेतृत्व में टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था।
कोच से झगड़ कर को छोड़ दिया था टीम
अंबाती रायडू जितने अच्छे क्रिकेटर हैं, उतना ही कम उनका अपने गुस्से पर नियंत्रण है। यह बात तब साबित हो गया जब कोच से झगड़ा कर अपनी टीम से ही अलग हो गए। दरअसल एक दफा रायडू का प्रदर्शन रणजी ट्रॉफी में काफी निराशाजनक रहा था। इस पर टीम के कोच राजेश यादव से उनका तकरार हो गया।
इस घटना के बाद रायडू बदगावती तेवर अपनाते हुए गुस्से में आंध्र पदेश टीम को छोड़कर हैदराबाद के लिए खेलने चले गए। हालांकि एक सीजन के बाद ही वह वापस आंध्र पदेश आ गए लेकिन इस दौरान वह हैदराबाद के लिए खेलते हुए अंपायर के साथ झगड़े के कारण सुर्खियों में आ गए थे।
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आईपीएल में बिखेरी अपनी चमक
इन सब विवादो से बावजूद रायडू ने हमेशा अपने खेल से चमक बिखेरी। वह साल 2010 में मुंबई इंडियंस के लिए खेलना शुरू किया था। इस सीजन में उन्होंने टीम के लिए 356 रन बनाए। इसके अलावा 2011 में उन्होंने 395 रन ठोक दिए थे।
रायडू मुंबई के लिए खेलते हुए कई अहम मौकों पर टीम को जीत दिलाई। इसके अलावा वह टीम के लिए जरुरत पड़ने पर विकेटकीपर की भूमिका में भी नजर आए थे।हालांकि वह साल 2018 में चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ जुड़ गए और अब वह इस चैंपियन टीम के अहम खिलाड़ी के रूप में उभरकर सामने आए हैं।