कपिल देव, भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा नाम जो 'अमर' हो चुका है। आने वाले कई पिढ़ीयों तक इस नाम की चर्चा की जाएगी। आज इसी महान खिलाड़ी और भारतीय टीम को विश्व का पहला खिताब दिलाने वाले दिग्गज का 62वां जन्मदिन है। वैसे तो इनके बारे में कई किस्से हैं। क्रिकेटिंग करियर में इनका हर एक मैच उपलब्धियों से भरा है लेकिन जिस तरह से इन्होंने भारतीय क्रिकेट को शिखर पर पहुंचाया वह अपने आप में अद्भुत है।
कपिल का जन्म साल 6 जनवरी, 1959 में पंजाब के चंडीगढ़ में हुआ था। कपिल देव एक साधारण परिवार से थे। बंटवारे के बाद उनके माता-पिता भारत आ गए और उन्होंने चंडीगढ़ में लकड़ी का व्यपार शुरू किया।
बचपन से ही उनका झुकाव खेल के प्रति रहा था। कपिल ने लगभग 14 साल की उम्र में क्रिकेट में अपनी शुरुआत की थी और चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में पढ़ने वाले कपिल को पहली बार यहां की सेक्टर-16 की टीम में मौका मिला था। इस टीम के लिए कपिल ने धमाकेदार प्रदर्शन किया और उनपर कोच देशप्रेम आजाद की नजर पड़ी।
देशप्रेम आजाद पहली बार में ही भांप लिया था कि कपिल आगे जाकर एक बड़ा खिलाड़ी बनेंगे और उन्होंने भविष्य के इस महान खिलाड़ी को तराशना शुरू कर दिया और 1978 में पहली बार यह इस खिलाड़ी ने भारतीय टीम के लिए अपना डेब्यू किया।
डेब्यू मैच में ही दिखी थी दिलेरी
16 अक्टूबर 1978 पाकिस्तान के खिलाफ अपना डेब्यू करने वाले कपिल देव ने पहले ही मैच में यह दिखा दिया था कि वह कितने आक्रमक खिलाड़ी थे। कपिल देव को जब बल्लेबाजी का मौका मिला तो पाकिस्तान की पूरी टीम उनके पीछे पड़ गई।
लेग स्ंटप्स का गार्ड का लेकर जैसे ही वह बल्लेबाजी के लिए तैयार हुए कि पाकिस्तानी खिलाड़ी उन्हें स्लेज करना शुरू कर दिया।
टेस्ट में डेब्यू कर रहे कपिल ने पहली गेंद पर ही चौका लगाकर अपना खाता खोला। दूसरी गेंद पर भी उन्होंने चौका लगाया और तीसरी गेंद पर वह आउट हो गए। अपने पहले मैच में सिर्फ आठ रन बनाने वाले कपिल ने गेंदबाजी में ऐसा कहर बरपाया की पाकिस्तानी बल्लेबाजों को हेलमेट पहनने पर मजबूर कर दिया था।
विश्व कप 1983
भारत के लिए यह साल काफी खास था। इंग्लैंड में खेले गए इस विश्व कप में भारतीय को काफी कमजोर आंका जा रहा था लेकिन कपिल की अगुआई में टीम इंडिया फाइनल में पहुंची। फाइनल में भारत का सामना वेस्टइंडीज के साथ हुआ। उस दौर में वेस्टइंडीज विश्व क्रिकेट पर राज करता था लेकिन दिलेर कप्तान के नेतृत्व में भारत ने विश्व कप के फाइनल में जीत दर्ज की और पहली बार इस खिताब को अपने नाम किया।
फाइनल में भारतीय टीम ने 183 रनों का स्कोर खड़ा किया था। इस लो स्कोरिंग मुकाबले में ऐसा लगा कि भारतीय टीम यह मैच नहीं जीत पाएगा लेकिन कपिल देव की अगुआई में भारत ने गेंदबाजी में ऐसा कहर बरपाया कि वेस्टइंडीज की टीम 140 रन पर सिमट गई। इस तरह भारतीय टीम ने यह मुकाबला 43 रनों से अपने नाम किया।
कपिल देव ने इस विश्व कप में कुल 8 मैच खेले जिसमें उन्होंने 303 रन बनाने के साथ कुल 12 विकेट भी लिए थे। इस ऐतिहास विश्व कप '83' नाम की फिल्म भी बन रही है।
175 रनों की पारी
साल 1983 में विश्व कप में कपिल देव ने दुनिया को वह किया जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी लेकिन दुर्भाग्य से इसकी कोई झलक नहीं है। इसी विश्व कप में कपिल देव ने जिम्मबाब्वे के खिलाफ 175 रनों की ऐतिहासिक तूफानी पारी खेली थी। कपिल की यह पारी इसलिए खास थी कि मैच में भारत ने एक समय महज 70 रन पर अपने पांच विकेट गंवा दिए थे।
इसके बाद कपिल बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आए और उन्होंने सैयद किरमानी के साथ मिलकर गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी थी।
हालांकि अफसोस की बात यह कि कपिल की इस यादगार पारी का ना तो कोई वीडियो और ना ही कोई तस्वीर मौजूद है। दरअसल जिस दिन यह मुकाबला खेला गया था उस दिन बीबीसी का हड़ताल था जिसके कारण इसका ब्रॉडकास्ट नहीं हो पाया था।
कपिल देव का सुनहरा करियर
कपिल देव ने भारत के लिए 131 टेस्ट और 225 वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। टेस्ट क्रिकेट में भारत के इस महान ऑलारउंडर ने 5248 रन बनाए। इस फॉर्मेट में 162 रनों के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ उन्होंने 27 अर्द्धशतक और 8 शतक लगाए। वहीं वनडे में उन्होंने 3783 रन बनाए। इस फॉर्मेट में कपिल देव ने 14 अर्द्धशतक और एक शतक लगाया।
बल्लेबाजी के अलावा उन्होंने गेंदबाजी में खूब कहर बरपाया। अपनी घातक गेंदबाजी से उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 434 विकेट लिए जबकि वनडे में उनके नाम 253 विकेट दर्ज है।
मैदान से बाहर कपिल
भारतीय क्रिकेट के आइकॉन कपिल देव मैदान बाहर भी खूब चर्चित हुए। उन्हें खेल में अर्जुन पुरस्कार के साथ पद्म भुषण से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्होंने प्रशिक्षक के तौर भी भारतीय क्रिकेट में अपनी सेवाएं दी है।
इसके साथ कपिल पिछले कुछ वर्षों से कई टेलिविजन चैनल पर क्रिकेट एक्सपर्ट के तौर नजर आते रहे हैं। हाल ही में उन्हें दिल का दौरा पड़ा था लेकिन इलाज के बाद वह स्वस्थ हैं और जन्मदिन के मौके पर पूरा देश यह इस महान खिलाड़ी की चीर आयु की कामना करता है।