GST आज आधी रात से लागू हो रहा है और इसका असर खाने-पीने की चीज़ों से लेकर तमाम वस्तुओं पर पड़ेगा और इससे क्रिकेट भी अछूता नही है। इसका असर उन क्रिकेट प्रेमियों की जेब पर भारी पड़ेगा जो मैदान में जाकर मैच का मज़ा लेते हैं। एक जुलाई से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) के लागू होने के बाद मैच के टिकट 28 फीसद तक के कर दायरे में आएंगे। क्रिकेट का सबसे मनोरंजक और लोकप्रिय IPL सबसे अधिक 28 फ़ीसद दायरे में आ जाएगा। बीसीसीआई या हॉकी फेडरेशन द्वारा आयोजित अन्य मैचों के टिकट 18 फीसदी के स्लैब में आएंगे। 250 रुपये तक के टिकट GST के दायरे के बाहर होंगे। स्टेडियम में इस कीमत के टिकट बहुत कम होते हैं।
खेल संगठनों के आयोजन पर पहले 28 फीसदी टैक्स का प्रावधान था लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में इसे 18 फीसदी करने का फैसला किया गया। अगर जीएसटी काउंसिल ने आखिरी वक्त में इसे बदलने का फैसला नहीं किया होता तो बीसीसीआई द्वारा भारत में टेस्ट, वनडे और टी20 मुकाबले के टिकटों पर 28 फीसदा टैक्स लगता।
जानकारों के अनुसार 1 जुलाई से 250 रुपये से ऊपर की कीमत वाले टिकटों पर टैक्स लगेगा। यह मौजूदा प्रैक्टिस से हटकर है जिसमें सिर्फ आईपीएल की तरह के टूर्नमेंट्स पर सेवा और मनोरंजन कर लगता था।
मान्यता प्राप्त खेल संगठनों को कर दायरे से मुक्त रखने की परंपरा रही है। ये संगठन खेल को आगे बढ़ाने का काम करते हैं और अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। उदाहरण के लिए कर्नाटक ने बहुत पहले ही मैचों से 10 फीसदी मनोरंजन कर हटा दिया था और इसे केवल आईपीएल मैचों तक ही सीमित कर दिया था। लेकिन अब एक जुलाई से मैचों के टिकटों पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। यह उन दर्शकों के लिए बड़ा झटका है जो मैदान पर जाकर भारतीय टीम की हौसलाअफजाई करने की योजना बना रहे थे।मान्यता प्राप्त खेल संगठनों को कर दायरे से मुक्त रखने की परंपरा रही है। ये संगठन खेल को आगे बढ़ाने का काम करते हैं और अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। उदाहरण के लिए कर्नाटक ने बहुत पहले ही मैचों से 10 फीसदी मनोरंजन कर हटा दिया था और इसे केवल आईपीएल मैचों तक ही सीमित कर दिया था। लेकिन अब एक जुलाई से मैचों के टिकटों पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। यह उन दर्शकों के लिए बड़ा झटका है जो मैदान पर जाकर भारतीय टीम की हौसलाअफजाई करने की योजना बना रहे थे।
कर्नाटक स्टेट असोसिएशन ने कुछ समय पहले बीसीसीई को पत्र लिखकर केएससीए की ओर से हर मैच को जीएसटी के बाहर रखने का अनुरोध किया था लेकिन उसे अब भी इस मामले पर बीसीसीआई की ओर से जवाब नहीं मिला है।
दरअसल मैदान पर दर्शकों की संख्या बढ़ी है। सरकार को लगा कि यहां से रेवेन्यू कमाया जा सकता है। क्रिकेट मैच में लगभग सभी लोगों पर टैक्स लगाया जा सकेगा।