भारतीय पूर्व कोच ग्रेग चैपल का टीम इंडिया के साथ कार्यकाल काफी विवादों में रहा था। चैपल के कार्यकाल पर खिलाड़ी कई बार अपने-अपने विचार और पर्दे के पीछे की बातें भारतीय फैन्स के सामने रख चुके हैं। चैपल की ही मौजूदगी में सौरव गांगुली को अपनी कप्तानी के साथ टीम से भी हाथ धोना पड़ा था। जिसके बाद राहुल द्रविड़ को कप्तान बनाया गया था। राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टीम इंडिया 2007 वर्ल्ड कप में ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी जिसके बाद टीम इंडिया की काफी आलोचना हुई थी। अब चैपल ने राहुल द्रविड़ की कप्तानी पर बड़ा बयान दिया है।
चैपल ने कहा कि राहुल द्रविड़ भारतीय टीम को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाना चाहते थे, लेकिन टीम के अन्य सीनियर खिलाड़ियों को कुछ और ही मंजूर था।
क्रिकेट लाइफ स्टोरीज पोडकास्ट में चैपल ने कहा "राहुल ने वास्तव में भारत को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाने को लेकर लेकर निवेश किया था। लेकिन टीम में सब एक जैसा नहीं सोचते थे। इसके बजाय वह टीम में बने रहने पर ज्यादा ध्यान देते थे। कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने विरोध किया क्योंकि उनमें से कईयों का करियर खत्म होने वाला था।"
चैपल ने इसी के साथ खुलासा किया था सीनियर खिलाड़ियों के विरोध के चलते ही 2008 में गांगुली की टीम इंडिया में वापसी हुई थी। ऐसा कुछ अन्य खिलाड़ियों के साथ भी हुआ था। चैपल ने इसी के साथ आरोप लगाए कि उस समय टीम का कोई भी खिलाड़ी खुद को बदलना नहीं चाहता था और टीम से बाहर भी नहीं बैठना चाहता था।
बता दें, चैपल के कार्यकाल की बात सचिन ने अपनी आत्मकथा में भी की थी। उन्होंने बताया था कि जब वर्ल्ड कप 2007 से पहले चैपल ने उन्हें कप्तान बनने को कहा था तो वह दंग रह गए थे। वहीं हरभजन सिंह ने बताया कि यह पूर्व कोच टीम में हैडमास्ट की तरह व्यवहार करता था।