भारत की हार... गुस्से में कप्तान.... और कोच का सरेंडर... सीरीज हारने के बाद अब जोहान्सबर्ग में क्लीन स्वीप के कलंक से बचने की बारी है लेकिन इन सबके बीच क्या हिंदुस्तान विराट कप्तान को खो रहा है और क्या इसकी बड़ी वजह उनका गुस्सा और अकेलापन है। ये सवाल उठाया है द.अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने।
स्मिथ ने कहा 'जब मैं विराट को देखता हूं तो मुझे लगता है कि टीम के सपोर्टिंग स्टाफ में कोई ऐसा शख्स होना चाहिए, जो उनकी भलाई के लिए उनको चैलेंज कर सके। उनको और आगे बढ़ा सके, ऐसा कोई हो जो विराट से बात करें, उनको सोचने के लिए मजबूर करे, सही सलाह, सही फैसले के लिए उनके खिलाफ खड़ा हो सके।'
चाहे केपटाउन हो या फिर सेंचुरियन विराट के फैसलों पर जमकर विवाद हुआ। कभी टीम सेलेक्शन को लेकर तो कभी गेंदबाज़ों को कब गेंदबाज़ी करानी है लेकिन ये फैसले अकेले कप्तान के नहीं होते हैं। कोच और बाकी खिलाड़ी कप्तान के सामने अपने विचार रखते हैं लेकिन क्या आपने मैदान पर किसी खिलाड़ी को विराट को सलाह देते देखा है। या फिर इस सीरीज में आपको एकबार भी लगा कि ये फैसला कप्तान कोहली का नहीं बल्कि कोच रवि शास्त्री का होगा।
अफ्रीका में विराट पूरी तरह से अकेले ही नजर आ रहे हैं। टीम इंडिया की सफारी पार्टी की किसी भी तस्वीर में विराट नदारद है। सुनील गावस्कर की माने तो विराट साथी खिलाड़ियों से बहुत आगे निकल गए हैं। कोहली अच्छे लीडर हैं, लेकिन उनको साथी खिलाड़ियों के लेवल पर पहले आना होगा। फिर पूरी टीम के लेवल को वहां तक उठाए, जहां तक वो चाहते हैं।
जाहिर है ऐसा सचिन तेंदुलकर की कप्तानी के दौरान भी होता था लेकिन सचिन और विराट के स्वभाव में जमीन आसमान का अंतर है। लिहाजा अफ्रीका दौरे में इतना तो साफ हो गया है कि हार के लिए सिर्फ कप्तान जिम्मेदार है कोच से किसी को कोई उम्मीद नहीं और इन सबके बीच क्या हम एक बेहतरीन कप्तान को धीरे धीरे खो रहे हैं। ये सवाल उठ खड़ा हुआ है।