लंदन: अपने ज़माने के दिग्गज क्रिकेटर ग्रीम पोलाक ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका को स्वीकार करना होगा कि नस्ल के आधार पर टीमों का चयन होने के कारण उसकी टेस्ट टीम मझधार में खड़ी है। जब दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नीति हावी थी तब केवल पोलाक जैसे श्वेत खिलाड़ियों को ही अपने देश की तरफ से खेलने का मौका मिलता था। पोलाक ने स्वीकार किया कि उनके युग के खिलाड़ी अपने अश्वेत साथी खिलाड़ियों की अधिक मदद कर सकते थे लेकिन अब वह इससे चिंतित हैं कि पलड़ा अब दूसरी दिशा में अधिक झुक गया है।
दक्षिण अफ्रीका अभी इंग्लैंड के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 1-0 से पीछे चल रहा है। उसने पिछले सप्ताह लाड्र्स में पहले टेस्ट मैच में 211 रन की करारी हार का सामना करना पड़ा था। पोलाक का मानना है कि एक टेस्ट खेलने वाले देश के रूप में दक्षिण अफ्रीका की प्रतिस्पर्धी प्रकृति राजनीतिक कारणों से प्रभावित हो रही है।
उन्होंने लंदन में एक बैठक से इतर कहा, सबसे बड़ी समस्या राजनीति को लेकर और खिलाड़ियों के चयन में हस्तक्षेप को लेकर है। इससे टीम का प्रदर्शन प्रभावित हो रहा है। वे मैदान पर सर्वश्रेष्ठ एकादश नहीं उतार पा रहे हैं।
पोलाक ने कहा, यह कभी बदलने वाला भी नहीं है। दक्षिण अफ्रीकी होने के नाते हमें यह स्वीकार करना होगा कि दक्षिण अफ्रीका का टेस्ट क्रिकेट मझधार में फंसता जा रहा है।