ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल ने सोमवार को खुलासा किया कि वह वर्ल्ड कप 2019 के दौरान मेंटल हेल्थ से जूझ रहे थे और उस दौरान वो उम्मीद कर रहे थे कि उनका हाथ किसी तरह टूट जाए और उन्हें आसाम मिल सके। हाल ही में मेंटल हेल्थ के कारण क्रिकेट से ब्रेक लेने वाले मैक्सवेल ने वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच से पहले नेट्स में हुई घटना को याद करते हुए कहा कि शॉन मार्श और उनका हाथ टूट गया था।
नेरोली मीडोज के साथ ऑर्डिनरी स्पीकिंग पॉडकास्ट पर मैक्सवेल ने कहा "मुझे पता था कि मार्श जब वापस आया तो वो दिक्कत में था, मुझे उस सयम बहुत बुरा लग रहा था, मैं सोच रहा था कि सबकुछ ठीक हो। मैं दुआ कर रहा था कि हम अपने समाजार आपस में बदल लें।"
उन्होंने आगे कहा "हम दोनों अस्पताल साथ गए और एक साथ बैठे थे। हम दोनों ही पॉजिटिव खबर का इंतजार कर रहे थे। मुझे जब चोट लगी थी तो मैं गुस्सा था और वहीं यह भी सोच रहा था कि मेरा हाथ टूट जाए।"
उन्होंने कहा, 'मुझे लगा, अब बस, मुझे ब्रेक की की जरूरत है...मैं चीजों के बारे में सोच रहा था कि मैं उन्हें सही कर सकूं। मुझे दूसरे लोगों पर नाराजगी थी और इसका कोई मतलब नहीं था, लेकिन मैं इस वर्ल्ड कप में बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से खुद पर नाराज था। मैंने सोचा कि ये बचने का आसान रास्ता है, मुझे लगा कि किसी समय मुझे बाहर कर दिया जाएगा और मुझे लगा कि यही रास्ता है।'
इसके बाद उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अक्टूबर में खेली गई सीरीज के बारे में बात करते हुए कहा कि वह उस सीरीज में अच्छा परफॉर्म तो कर रहे थे, लेकिन वह उस चीज का आनंद नहीं उठा पा रहे थे। मैक्सवेल ने कहा 'मैंने बहुत अच्छी बैटिंग की, 30 से कम गेंदों में 60 से ज्यादा रन बनाए लेकिन मुझे इसमें मजा नहीं आया। आप एक इंटरनेशनल आक्रमण का सामना कर रहे हैं और इसका लुत्फ भी नहीं उठा रहे हैं।'
टीम को मेंटल हेल्थ के कारण ब्रेक लेने वाली बात बताने पर मैक्सवेल ने कहा "मैं इसे ग्रुप को बताने वाला था, उन्हें पता भी नहीं था कि क्या हो रहा है, मैंने यहां तक कि (एरॉन) फिंची को भी नहीं बताया। मेरे साथ जो हो रहा था मैं उसके बारे में बताकर उनका ध्यान नही भटकाना चाहता था। मैं उनके (फिंच) पास गया और कहा, मेरा हो गया, मैं कुछ समय का ऑफ लेने जा रहा हूं, और उन्होंने कहा कि उन्होंने ध्यान दिया था कि कुछ हो रहा है। जब मैंने उन्हें बताया था तो उनकी प्रतिक्रिया ऐसी थी, 'बहादुरी भरा निर्णय है।"
मैक्सवेल ने आगे कहा "जब सब चल गए, मैं रो पड़ा। ये वर्ल्ड कप के बाद पहली बार था जब मैंने अपना इमोशन दिखाया था...अगले दो-तीन दिन अगले छह महीने में मेरे सबसे खराब दिनों में से एक थे। समर्थन जितना शानदार था, उतना ही संघर्ष से भरा भी थी...मैं अपने एक छोटे से दायरे में सिमट जाना चाहता था और उससे बाहर नहीं आना चाहता था। मुझे लगा कि मैं कई लोगों को निराश कर रहा हूं, मुझे लगा कि मैंने आसान रास्ता चुना है, मुझे नहीं पता था कि मैं क्या कर रहा हूं।"