नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही संन्यास लेने वाले क्रिकेटर गौतम गंभीर के खेल में योगदान और ‘‘कम वंचित लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने’’ की कोशिश की पत्र लिखकर सराहना की। मोदी ने टी20 विश्व कप 2007 और एकदिवसीय विश्व कप 2011 में भारत को चैम्पियन बनाने में गंभीर के योगदान का विशेष उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने इस पत्र की शुरूआती पंक्तियों में कहा, ‘‘मैं भारतीय खेलों में आपके योगदान के लिए बधाई देने के साथ शुरूआत करना चहूंगा। आपके यादगार प्रदर्शनों के लिये भारत हमेशा आभारी रहेगा। इसमें कई ऐसे प्रदर्शन थे जिसने देश को ऐतिहासिक जीत दिलायी।’’ गंभीर ने मोदी के इस पत्र को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा करते हुए लिखा, ‘‘इन शब्दों के लिए शुक्रिया। यह देशवासियों के समर्थन और प्यार के बिना संभव नहीं होता। मेरी सभी उपलब्धि देश के नाम।’’
गंभीर ने इस पोस्ट में मोदी और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग भी किया।
प्रधानमंत्री ने खेल के प्रति गंभीर के जूनून की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि अपकी यात्रा उतार-चढ़ाव से भरी रही होगी लेकिन आपने समर्पण और दृढ़ता से देश के लिए खेलना सुनिश्चित किया। आप कम समय में ही एक भरोसेमंद सलामी बल्लेबाज के रूप में उभरे, जो अक्सर टीम को शानदार शुरूआत दिलाता था।’’
क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10,000 से अधिक रन बनाने वाले इस 37 वर्षीय बल्लेबाज ने पिछले सप्ताह अपना आखिरी रणजी मैच खेल क्रिकेट से संन्यास लिया था। वह देश से जुडे विभिन्न मुद्दों पर बेबकी से अपनी राय रखने के लिए जाने जाते थे। मोदी ने कहा, ‘‘ जिस दृढ़ता और स्पष्टता से आपने अपनी बात रखी खासकर भारत की एकता और अखंडता से जुड़े मुद्दों पर, उससे आप विभिन्न तबके के लोगों के चहेते बने।’’
गंभीर ने 58 टेस्ट मैचों में 41.96 की औसत से 4154 रन बनाये जिसमें नौ शतकीय पारी शामिल है। उन्होंने 147 एकदिवसीय मैचों में 39.68 की औसत और 11 शतकीय पारियों की मदद से 5238 रन बनाये। गंभीर से टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने 37 मैच में सात अर्धशतक की मदद से 932 रन बनाये जिसमें उनका औसत 27.41 का था।
मोदी ने कहा, ‘‘ जब आपने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की, तो आपके शुभचिंतक काफी निराश हो गये। लेकिन इस निर्णय से एक नहीं बल्कि आपके जीवन की कई दूसरी पारियां शुरू होगी। आपके पास अन्य पहलुओं पर काम का समय और अवसर होगा जिसके लिए पहले आपको समय नहीं मिल रहा था।’’ ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि गंभीर संन्यास के बाद राजनीति में हाथ आजमाएंगे लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया है।