भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने हाल ही में अपने साथी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की तारीफों में कसीदे पढ़े हैं। उन्होंने कहा है कि वीरेंद्र सहवाग ने जिस तरह का प्रभाव टेस्ट क्रिकेट में छोड़ा है उसकी बराबरी और कोई सलामी बल्लेबाज नहीं कर सकता। बता दें, सहवाग ने टीम इंडिया में एक मिडिल ऑडर बल्लेबाज के रूप में जगह बनाई थी, लेकिन उसके बाद सौरव गांगुली की वजह से वह एक सलामी बल्लेबाज बने और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' पर गंभीर ने कहा "कोई भी टेस्ट में सहवाग के प्रभाव की बराबरी नहीं कर सकता। किसी ने भी नहीं सोचा था कि वो इतना प्रभावी टेस्ट सलामी बल्लेबाज बन जाएगा। लोगों को हमेशा लगता था कि वो सीमित ओवर फॉर्मेट में कहीं ज्यादा सफल होगा। अगर आप उसके रिकॉर्ड को देखें तो वो टेस्ट क्रिकेट में कहीं ज्यादा सफल है और यही वीरेंद्र सहवाग हैं।"
सहवाग की आक्रामक बल्लेबाजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टेस्ट क्रिकेट में दो तिहरे शतक लगाने वाले वो इकलौते भारतीय बल्लेबाज हैं। वहीं वनडे क्रिकेट में भी उनके नाम एक दोहरा शतक दर्ज है। सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में 82 से अधिक के स्ट्राइकरेट के साथ 8586 रन और वनडे में 104 से अधिक के स्ट्राइकरेट के साथ 8273 रन बनाए हैं।
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गौतम गंभीर ने इस दौरान 2008 में हुए चेन्नई टेस्ट को भी याद किया जिसमें सहवाग ने 83 रन की अहम पारी खेलते हुए मैन ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता था। गंभीर ने कहा "मुझे एक पारी याद है जो उसने चेन्नई में खेली गई थी जब हमने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच जीता था। हम एक टर्निंग पिच पर लगभग 350 (387) रनों का पीछा कर रहे थे, जहां विपक्षी टीम में ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर थे और वीरेंद्र सहवाग ने सहवाग ने 60 (असल में 83 रन) के आस पास रन बनाए थे। अगर आप 60 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच बन सकते हैं तो इससे दिखता है कि आप कितने प्रभावी खिलाड़ी हैं।"
इसी के साथ उन्होंने कहा कि अगर वीरेंद्र सहवाग लंच तक बल्लेबाजी करता है तो आपको 100 रन बोर्ड पर जरूर मिलेंगे, कोई भी टीम टेस्ट क्रिकेट में ऐसे नहीं खेलती है। जब आप पहले दिन बल्लेबाजी कर रहे होते हो तो आप ज्यादा विकेट नहीं खोना चाहते हो, लेकिन वीरेंद्र सहवाग बिल्कुल अलग थे इस वजह से टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने जो प्रभाव छोड़ा है उसे कोई नहीं छू सकता।