भारतीय पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने हाल ही में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। रिटारमेंट को यादगार बनाने के लिए गौतम गंभीर ने रणजी ट्रॉफी के अपने आखिरी मैच में शानदार शतक भी जड़ा और उसके तुरंत बाद उन्होंने भारतीय पूर्व कप्तान और मौजूदा विकेट कीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को अपने निशाने पर लिया।
इंडिया टूडे से खास बातचीत करते हुए गौतम गंभीर ने धोनी की कप्तानी की काफी आलोचना की। भारत को 2011 वर्ल्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले गंभीर ने बताया कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया में खेली गई ट्राई सीरीज में धोनी ने उन्हें, वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर को एक साथ प्लेइंग इलेवन में शामिल ना करने की बात कही थी।
गंभीर ने बताया कि "2012 में ऑस्ट्रेलिया में हुई ट्राई सीरीज के दौरान धोनी ने ऐलान किया था कि वर्ल्ड कप 2015 को देखते हुए वह हम तीनों को एक साथ नहीं खिला सकते। यह काफी शॉकिंग था, मुझे लगता है कि यह हर क्रिकेटर के लिए काफी बड़ा झटका होगा। मैने ऐसा नहीं सुना था कि किसी को 2012 में ही बता दिया गया हो कि वह 2015 में वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा नहीं होगा। मुझे हमेशा यह धारणा थी कि यदि आप रन बनाते हो तो आपकी उम्र बस एक नंबर है।"
बता दें, उस सीरीज में गौतम गंभी ने 7 मैचों में 44 की बेहतरीन औसत से 308 रन बनाए थे और उस सीरीज में विराट कोहली के बाद गंभीर भारत के लिए दूसेर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे।
इसी के साथ गंभीर ने यह भी बताया कि जब भारत को उस सीरीज में जीत के बेहद जरूरत थी तो धोनी ने गंभीर, सहवाग और सचिन को एक मैच में एक साथ भी खिलाया थे। गंभीर ने बताया कि "सीरीज की शुरुआत में हम एक साथ नहीं खेले, हर बार खिलाड़ी बदलते रहे। जब भारत को एक जीत की बेहद जरूरत थी तो धोनी ने हम तीनों को एक साथ खिलाया।"
इसी के साथ गंभीर ने कहा कि "जब आप कोई निर्णय ले लेते हो तो उसपर टिके रहो, आपने जो पहले सोच लिया है आप उससे पीछे ना हटें।" गंभीर ने उस मैच के बारे में बताय कि वो मैच होबर्ट में खेला गया था और उस मैच में सचिन और सहवाग ने ओपनिंग की थी और गंभीर तीसरे स्थान पर आए थे। उस मैच में भारत को 37 ओवर में टार्गेट चेज करना था।