Monday, December 23, 2024
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गौतम गंभीर ने धोनी को दी प्रैक्टिकल होकर संन्यास लेने की नसीहत, बोले युवा खिलाड़ी इंतजार में खड़े है

चयन समिति की बैठक रविवार को होगी जिसमें वेस्टइंडीज दौरे के लिये टीम का चयन किया जायेगा इसमें पूरा फोकस धोनी पर रहेगा और गंभीर का मानना है कि जज्बात से परे फैसला लेना होगा। 

Reported by: Bhasha
Published : July 19, 2019 16:33 IST
महेंद्र सिंह धोनी
Image Source : GETTY IMAGES महेंद्र सिंह धोनी

नई दिल्ली। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी ने जिस तरह युवा खिलाड़ियों की मांग करके बतौर कप्तान भविष्य में निवेश किया, उसी तरह उनके बारे में ‘व्यवहारिक फैसले’ लेने की जरूरत है क्योंकि युवा खिलाड़ी इंतजार में खड़े है। ऐसी अटकलें हैं कि धोनी विश्व कप में भारत के लिये आखिरी वनडे खेल चुके हैं। भारत को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने हराया था। 

चयन समिति की बैठक रविवार को होगी जिसमें वेस्टइंडीज दौरे के लिये टीम का चयन किया जायेगा इसमें पूरा फोकस धोनी पर रहेगा और गंभीर का मानना है कि जज्बात से परे फैसला लेना होगा। गंभीर ने एक टीवी चैनल पर कहा, ‘‘भविष्य के बारे में सोचना जरूरी है। धोनी जब कप्तान थे तब उन्होंने भविष्य में निवेश किया। मुझे याद है कि धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में कहा था कि मैं, सचिन और सहवाग तीनों सीबी सीरिज नहीं खेल सकते क्योंकि मैदान बड़े हैं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने विश्व कप के लिये युवा खिलाड़ी मांगे थे। जज्बाती होने की बजाय व्यवहारिक फैसले लेना जरूरी है। युवाओं को मौका देने की जरूरत है। चाहे वह ऋषभ पंत हो, संजू सैमसन, ईशान किशन या कोई और विकेटकीपर। जिसमें भी क्षमता दिखे, उसे विकेटकीपर बनाया जाना चाहिये।’’ 

गंभीर ने कहा कि युवाओं को जब तक पर्याप्त मौके नहीं मिलेंगे, वे भारत के लिये अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा,‘‘ उन्हें डेढ साल मौका दें और अगर वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते तो किसी और को आजमाया जाये। इससे पता चल जायेगा कि अगले विश्व कप में विकेटकीपर कौन होगा।’’

क्रिकेट से राजनीति में आये गंभीर ने कहा धोनी भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से है लेकिन टीम की सफलता का पूरा श्रेय उन्हें देना और विफलता का ठीकरा उन पर फोड़ना गलत है।

 
उन्होंने कहा, ‘‘आंकड़ों को देखें तो वह सर्वश्रेष्ठ कप्तान है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि दूसरे कप्तान कमतर थे। सौरव गांगुली अच्छे कप्तान थे। हमने विदेश में उनकी कप्तानी में जीता। विराट कोहली की कप्तानी में हमने दक्षिण अफ्रीका में वनडे और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला जीती।’’ 

गंभीर ने कहा, ‘‘यह सही है कि धोनी ने हमें दो विश्व कप (2007 और 2011) जिताये लेकिन कप्तान को सफलता का सारा श्रेय देना और नाकाम रहने पर उसे गुनहगार ठहराना गलत है। धोनी ने चैम्पियंस ट्रॉफी और विश्व कप जीते लेकिन दूसरे कप्तान भी भारत को आगे ले गए। अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ ने यह काम किया है।’’ 

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