भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने खुलासा किया है कि करियर के आखिरी समय में चयनकर्ताओं ने जबरन ब्रेक लेने के लिए मजबूर किया था। साल 2003 में विश्व कप के बाद संन्यास लेने वाले श्रीनाथ ने बताया कि 2002 में भारत के वेस्टइंडीज दौरे के बाद बीसीसीआई ने उन पर ब्रेक लेने के लिए दवाब डाला था।
श्रीनाथ ने स्पोर्स्टकीड़ी से बातचीत में कहा, "विश्व कप से पहले हमने वेस्टइंडीज का दौरा किया था। मेरी जानकारी के बिना चयनकर्ताओं ने बताया कि मुझे ब्रेक लेना है।" उन्होंने कहा, "आम तौर पर हमारे बीच बातचीत होती थी और तब मैं कहता था कि 'मुझे एक ब्रेक की आवश्यकता है'। लेकिन इस बार उन्होंने सिर्फ यह कहा कि 'हम आपको एक ब्रेक दे रहे हैं'। जाहिर है, मैं थोड़ा परेशान था। मैं नहीं चाहता था कि मेरा करियर किसी और के हाथों के हिसाब से चले।
वेस्टइंडीज दौरे के तुरंत बाद भारत ने श्रीनाथ के बिना चार टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड का दौरा किया। उस समय श्रीनाथ काउंटी क्रिकेट खेलने गए थे। श्रीनाथ ने खुलासा किया कि उन्हें कप्तान सौरव गांगुली का फोन आया और उन्हें टीम का हिस्सा बनने के लिए कहा, लेकिन नाराज श्रीनाथ ने ये अनुरोध ठुकरा दिया। हालांकि इसके बाद श्रीनाथ ने न्यूजीलैंड और फिर 2003 के विश्व कप के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया जहां उन्होंने 11 मैचों में 16 विकेट लिए।
श्रीनाथ ने कहा, “मैं इंग्लैंड दौरे से चूक गया। बेशक, गांगुली ने मुझे बुलाया और कहा कि देखो, तुम इंग्लैंड दौरे का हिस्सा हो'। मैं परेशान था और मुझसे कहा गया कि ऐसा नहीं होगा। मुझे काउंटी खेलने से पहले भारत के लिए खेलना चाहिए था। बाद में जब चीजें शांत हुईं, तो मैंने वापस आने का फैसला किया। मैं विश्व कप खेलना चाहता था। हर विश्व कप एक पीढ़ी की तरह है।"
उन्होंने कहा, "भारत में मेरी ताकत कम हो रही थी और तेज गेंदबाज टीम में आने के लिए तैयार थे। इसलिए, मैं उनके रास्ते को रोकना नहीं करना चाहता था। मैं खुश था। मुझे कुछ भी पछतावा नहीं था। अपनी गरिमा के साथ चलना हमेशा अच्छा होता है।”