भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाजी कोच संजय बांगर का मानना है कि रोहित शर्मा टेस्ट में शीर्ष क्रम में खेलते हुए अगर पैर जमा लेते हैं तो भारतीय टीम वो लक्ष्य भी हासिल कर सकती है जो अभी तक उसकी पहुंच से बाहर रहे हैं। सीमित ओवरों में भारत की ओर नियमित तौर पर पारी की शुरुआत करने वाले रोहित को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली जाने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में बतौर सलामी बल्लेबाज चुना गया है।
रोहित को मौका लोकेश राहुल की विफलता के बाद मिला है।
वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने बांगर के हवाले से लिखा है, "इस समय टेस्ट में मध्य क्रम स्थिर है और वहां कोई जगह नहीं है। सलामी बल्लेबाजी उनके लिए नई चुनौती होगी, लेकिन उन्हें नई गेंद से तब खेलने का मौका मिलेगा तब गैप काफी सारे होंगे। उन्हें अपनी बल्लेबाजी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा जिससे वो अपनी मानसिक ऊर्जा को बचा सकेंगे।"
उन्होंने कहा, "अगर वह सफल होते हैं तो उनकी जो खेलने की शैली हे वो काफी मददगार होगी। इससे हो सकता है कि टीम वो लक्ष्य भी हासिल कर ले जो अभी तक उसकी पहुंच से दूर साबित हुए हैं, जैसे कि अतीत में केपटाउन या एजबेस्टन में हुआ था।"
वनडे में अपनी बल्लेबाजी से रनों का अंबार लगाने वाले रोहित खेल के सबसे लंबे प्रारुप में अपनी जगह सुनिश्चित नहीं कर पाए हैं। उन्होंने अभी तक सिर्फ 27 टेस्ट खेले हैं जिनमें उन्होंने 39.6 की औसत से 1585 रन बनाए हैं। वनडे में तीन दोहरे शतक जमाने वाले रोहित टेस्ट में सिर्फ तीन शतक ही जमा पाए हैं।
बांगर को लगता है कि रोहित को अगर टेस्ट में सफल होना है तो उन्हें अपनी शैली में ही खेलना होगा।
उन्होंने कहा, "उन्हें अगर सफल होना है तो उन्हें अपनी शैली में ही खेलना होगा। उन्हें अपनी पहचान को बनाए रखना होगा।"
दक्षिण अफ्रीका के साथ पहला टेस्ट मैच दो अक्टूबर से विशाखापट्टनम में शुरू हो रहा है।