अहमदाबाद| पूर्व भारतीय लेफ्ट आर्म स्पिनर और लंबे समय तक मोटेरा स्टेडियम के पिच क्यूरेटर रह चुके धीरज प्रसन्ना ने अक्षर पटेल के उन युवा दिनों को एक बार फिर से याद किया है जब अक्षर ने कैंप के लिए मोटेरा का दौरा किया था।
पटेल ने तीसरे टेस्ट में 70 रन देकर 11 विकेट लिए और भारत को 10 विकेट से जीत दिलाकर सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली। उन्होंने लगातार तीन बार पांच विकेट लिए हैं। भारत के लिए दो टेस्ट मैच खेलने वाले प्रसन्ना ने कहा है कि समय के साथ सीमित ओवरों के क्रिकेट में ढलने और राइट आर्म गेंदबाजी स्टाइल में बदलाव के कारण उन्हें टेस्ट क्रिकेट में काफी मदद मिली है।
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प्रसन्ना ने कहा, " वह अलग है (जो हम थे या अन्य दूसरों से)। अक्षर टी 20 और 50 ओवर के मैचों में खेल रहे हैं। उन्होंने तीनों प्रारूप खेले हैं। लेकिन मुझे याद है कि जब वह मोटेरा में ट्रायल के लिए आते थे और गुजरात के लिए जूनियर क्रिकेट खेलते थे तब अधिक हाइट होने के बावजूद उनके पास एक अच्छा एक्शन था। लेकिन अब वह थोड़ा साइड आर्म के साथ गेंदबाजी कर रहे हैं, जिससे उन्हें मदद मिली है। वह बहुत इंटलीजेंट गेंदबाज है। अपनी ऊंचाई के कारण वह गेंद को बहुत अधिक नहीं फ्लाइट नहीं दे।"
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73 साल के प्रसन्ना 1997 से 2018 तक बीसीसीआई के मुख्य क्यूरेटर (वेस्टजोन) और फिर 1982 से 2018 तक अहमदाबाद के मुख्य क्यूरेटर रह चुके हैं। उन्होंने कहा, "अधिकतर गेंदबाज टर्निग ट्रैक पर उनकी तरह सीधी गेंदबाजी नहीं कर सकते। ऑर्म बॉल, जिसे वह अच्छी तरह से गेंदबाजी करते है, बाएं हाथ के स्पिनर का हथियार है। जब आप आर्म-बॉल फेंकते हैं तो आप बल्लेबाज को बैक-फुट पर खेलाते हैं। यह अचानक आता है। इसलिए उनके पास गेंदबाजी या एलबीडब्लू लेने का एक बड़ा मौका है।"
पूर्व पिच क्यूरेटर ने आगे कहा, "मैं बहुत खुश था कि गुजरात से किसी को तो टेस्ट में खेलने का मौका मिला। वह सही समय पर सही जगह पर है। वास्तव में उनका भविष्य बेहद उज्जवल है।" प्रसन्ना ने कहा, "अक्षर जानते थे कि वे (इंग्लैंड के खिलाड़ी) स्पिनरों के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने अपनी आर्म बॉल के साथ उन्हें अपनी जाल में फंसाया।"