सिडनी। रविचंद्रन अश्विन की चोट की स्थिति ने बुधवार को कुछ संदेह पैदा कर दिया क्योंकि टीम प्रबंधन ने कप्तान विराट कोहली के यह कहने के बाद कि यह आफ स्पिनर ‘समय पर चोट से नहीं उबर सका है’, उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट के लिये अंतिम 13 में शामिल किया। बीते कुछ वर्षों में भारतीय टीम के बीच संवाद की कमी बार बार उजागर हुई है, जिसमें हाल का उदाहरण एससीजी में निर्णायक मुकाबले से पहले अश्विन की चोट रही।
इस सीरीज में ही रविंद्र जडेजा को पर्थ में दूसरे टेस्ट के लिये शुरूआती टीम में रखा गया था और वह अश्विन की चोट के बावजूद नहीं खेले थे। बाद में कोच रवि शास्त्री ने मेलनर्ब में मैच से पहले कहा कि जडेजा कंधे में जकड़न से जूझ रहे थे और पर्थ टेस्ट के शुरू में शत प्रतिशत फिट नहीं थे। बीसीसीआई ने इसकी भरपाई करते हुए 23 जनवरी को जडेजा की चोट की फिटनेस की विस्तृत जानकारी दी। यही हाल इंग्लैंड के भारत दौरे से पहले रिद्धिमान साहा और भुवनेश्वर कुमार की चोटों की अपडेट का रहा।
इस विशेष मामले में अश्विन पेट की मांसपेशियों में खिंचाव से जूझ रहे हैं, जिसके कारण उन्हें ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ अंतिम टेस्ट से बाहर बैठना पड़ा था।
ऑस्ट्रेलिया में अश्विन ने एडीलेड में 86 ओवर गेंदबाजी की और फिर पर्थ टेस्ट से पहले चोटिल हो गये। टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कप्तान कोहली से जब अश्विन की फिटनेस स्थिति के बारे में पूछा गया तो उनके जवाब से तमिलनाडु के खिलाड़ी के खेलने पर संदेह लगा कि वह इस मैच में भी नहीं खेल पायेंगे।
कोहली ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले दो विदेशी दौरों में उसे एक जैसी ही चोटें लगी हैं।’’ उन्होंने खुलासा किया, ‘‘वह इस बात से काफी निराश हैं कि वह समय पर उबर नहीं सका है लेकिन पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिये उसे क्या करने की जरूरत है, वो चीजें बतायी गयी हैं। ’’ हालांकि कोहली की प्रेस कांफ्रेंस के बाद बीसीसीआई ने अधिकारिक बयान जारी किया, ‘‘आर अश्विन के बारे में अपडेट: टीम प्रबंधन ने उन्हें अंतिम टेस्ट के लिये 13 सदस्यीय टीम में शामिल किया है। आर अश्विन की उपलब्धता पर अंतिम फैसला सुबह लिया जायेगा।’’
भारतीय टीम प्रबंधन ने टेस्ट मैच से पूर्व सूची जारी करना शुरू कर दिया है जो सामान्य तौर पर 12 खिलाड़ियों की टीम होती है। मेलबर्न से पहले भारत ने मैच से 24 घंटे पहले अपनी अंतिम एकादश चुन ली थी। लेकिन कप्तान की प्रेस कांफ्रेंस के बाद अश्विन का शामिल किया जाना साबित करता है कि टीम प्रबंधन ने अपना रूख बदल दिया और इस स्पिनर को मैच के शुरू होने से पहले उबरने का मौका देना चाहा।