Monday, December 23, 2024
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Exclusive | टीम इंडिया में केवल दो खिलाड़ी अच्छे माइंडसेट के साथ खेलते हैं: सौरव गांगुली

इंडिया टीवी के शो 'क्रिकेट की बात' में पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय टीम की हार के कारणों पर खुलकर बात की।

Written by: Amit Kumar @amitkemit
Updated : December 19, 2018 21:22 IST
Exclusive | टीम इंडिया में केवल दो खिलाड़ी अच्छे माइंडसेट के साथ खेलते हैं: सौरव गांगुली
Image Source : GETTY Exclusive | टीम इंडिया में केवल दो खिलाड़ी अच्छे माइंडसेट के साथ खेलते हैं: सौरव गांगुली 

भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों पर्थ में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में करारी हार का सामना करना पड़ा था। सीरीज का पहला मैच जीतने के बाद भारत को ​दूसरे मैच में जब करारी हार मिली को कई तरह के सवाल खड़े होने लगे। पहली बार ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने के लक्ष्य से ऑस्ट्रेलिया गई भारतीय टीम के सीरीज में 1-1 से बराबरी पर है। विदेश में भारतीय टीम को टेस्ट मैच जीतने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इंडिया टीवी के शो 'क्रिकेट की बात' में पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने भारतीय टीम की हार के कारणों पर खुलकर बात की।  

दादा ने कहा कि टीम में केवल विराट कोहली रन बना रहे हैं। बाकी कोई रन नहीं बनाता है इसीलिए टीम को मुश्किलें होती हैं। उन्होंने कहा, "केवल विराट कोहली रन बनाते हैं। बाकी किसी ने रन नहीं बनाए। भारत इस साल विदेशों में 10 टेस्ट खेल चुका है लेकिन कितनी बार भारत ने 300 रनों का आंकड़ा पार किया है! एक ही बार किया है ट्रेंट ब्रिज में, जहां पर भारत जीता। बल्लेबाजों के ऐसे खराब औसत से आप विदेशों में जीत नहीं सकते।" विदेशों में चौथी पारी में भारतीय बल्लेबाजों में विराट को छोड़कर सभी का औसत काफी खराब है। 1 जनवरी 2014 से चौथी पारी में विराट कोहली का औसत 54.54 है। लेकिन पुजारा का औसत 11.60, मुरली विजय 27, केएल राहुल का 26.14 और रहाणे का 39.42 का औसत है। 

विदेशी दौरे पर खासकर टेस्ट मैच में भारत के लिए सबसे बड़ी परेशानी विपक्षी टीम के पुछल्ले बल्लेबाज बन जाते हैं। चाहें वो दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड या अब फिर ऑस्ट्रेलिया हो। भारतीय गेंदबाजों को पुछल्ले बल्लेबाजों को आउट करने में काफी समय लगता है। दादा ने कहा, "हमारे बॉलर लोअर ऑर्डर को आउट नहीं कर पाते हैं। वैसे पिछले एक साल में भारत के लिए कुछ पोजिटिव हुआ है तो वे ये कि विदेशों में हमारी तेज गेंदबाजी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इसके अलावा हम रन भी नहीं बना पा रहे हैं। इसलिए अगर भारत को जीतना है तो साढ़े तीन सौ.. चार सौ रन बनाने होंगे। लेकिन भारत से उतने रन बनते ही नहीं हैं। विराट कोहली जब खेलता है तो स्कोर 290 रन पर जाता है नहीं तो उससे नीचे पर खत्म हो जाता है।"

विदेशों में भारतीय ओपनर काफी समय से फ्लॉप चल रहे हैं। मुरली विजय और पुजारा पिछले कुछ समय से एक ही तरह से आउट हो रहे हैं। दोनों को लेकर कहा जा रहा है कि उनका माइंडसेट ठीक नहीं हैं। हालांकि दादा मानना है कि इन खिलाड़ियों को डिफेंस करते समय खुद पर विश्वास नहीं हैं। दादा ने कहा, "इन दोनों को डिफेंस करते समय कॉन्फीडेंस नहीं होता है। इंग्लैंड में केएल राहुल के लिए जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड ने अंदर आती गेंद को अच्छे से इस्तेमाल किया। उनके अंदर आगे से डिफेंस करने का कॉन्फीडेंस ही चला गया है। अगर आपको टेस्ट क्रिकेट में रन बनाना है तो आपको डिफेंस करना ही होगा। यही समस्या मुरली विजय की भी है। हालांकि दूसरी पारी में अच्छा खेल रहे थे।" दादा ने कोहली और पुजारा की तारीफ करते हुए कहा कि केवल दो खिलाड़ी अच्छे माइंडसेट के साथ खेलते हैं। उन्होंने कहा, "केवल पुजारा और कोहली अच्छे माइंड सेट से खेलते हैं। ये दोनों रुक के खेलते हैं। मारने वाली बॉल मारते हैं और छोड़ने वाली छोड़ते हैं। और 6 घंटा बैटिंग करने की सोचते हैं। इसीलिए ये भारत के लिए रन बनाते हैं।" 

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम ना तेज गेदबाज खेल पा रही है और ना ही स्पिनर। बल्लेबाजी में भी कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। पर्थ में टीम इंडिया की पूरी रणनीति फेल नजर आई। पर्थ में हिंदुस्तान की हार के बाद अब कई सारे सवाल उठ रहे हैं कि अगर विराट की टीम के पास नंबर वन का ताज है, कोच रवि शास्त्री की नजरों में मौजूदा टीम इतिहास में सबसे खास है लेकिन फिर भी टीम को हार दर हार मिल रही है। इस पूरे साल जब भी विदेश में भारतीय टीम ने कदम रखा है तब-तब हर किसी ने सोचा कि टीम कुछ बड़ा करके वापस आएगी। पहले दक्षिण अफ्रीका गए और हार कर आए औप फिर इंग्लैंड गए वहां भी हार गए। और अब ऑस्ट्रेलिया में भी एक जीत के बाद दूसरे में ही हार मिल गई। ये टीम हर दौरे पर टेस्ट तो जीत रही है, लेकिन सीरीज़ नहीं। इस पर दादा ने कहा, "अगर भारतीय टीम अगले मैच से पहले वॉर्म-अप करती तो अच्छा होता। लेकिन वो होता नहीं है आज कल। तो एक दो दिन आराम कर फिर ट्रेनिंग शुरू कर दिया जाए। और ये सही भी होगा भारत के लिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि भारत एक टेस्ट मैच खेला और उसके तुरंत बाद प्रैक्टिस पर चले गए। मैं अभी भी समझता हूं कि भारत ये दोनों टेस्ट मैच जीत सकता है। ये ऑस्ट्रेलिया वीक है। अगर भारत मेलबर्न या सिडनी में पहले बैटिंग करेगा तो ऑस्ट्रेलिया पर दबाव होगा। ये सीरीज भारत के हाथों से बाहर नहीं है। हालांकि इसके लिए भारत को रन बनाने होंगे।" 

दादा ने ये भी कहा कि विराट कोहली को अपनी कप्तानी में सही निर्णय लेने पड़ेंगे। दादा ने कहा कि भारत बिना स्पिनर के टेस्ट क्रिकेट खेल ही नहीं सकता। टेस्ट क्रिकेट में स्पिनर काफी महत्वपूर्ण होते हैं। हालांकि खुद भारत को इस बार पर गौर करना होगा कि कैसे एक स्पिनर उन्हें भारत के बाहर सबसे ज्यादा बार आउट कर देता है। कहा जा रहा है कि भारत ने दूसरे टेस्ट मैच में गलत टीम का चयन किया था। हालांकि दादा का मानना है कि टीम के हारने के बाद इन चीजों पर ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा, "भारतीय टीम में कुछ खिलाड़ी चोटिल हैं। रोहित शर्मा, भुवनेश्वर कुमार और अश्विन फिट नहीं हैं। लेकिन भारतीय टीम ने चयन में जो गलती की है वो ये कि उनको स्पिनर खिलाना ही खिलाना है। अगर अश्विन चोटिल है तो जडेजा को खिलाना होगा। उसने अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत से टीम चयन की गलती हुई है। लेकिन इसके अलावा भारत के हारने का कारण है उनकी बल्लेबाजी।"

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