हाल ही में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज हरानकर इतिहास रच दिया था। भारत ऑस्ट्रेलिया में ऐसा कारनामा करने वाली पहली सबकॉन्टिनेंट टीम बन गई है। पहले दो टेस्ट मैच में जब भारतीय सलामी बल्लेबाजों ने निराश किया तो सिलेक्टर्स ने युवा मयंक अग्रवाल को मौका दिया और मयंक ने इस मौके को दोनों हाथों से लपका और सीरीज में लाजवाब प्रदर्शन किया।
मयंक अग्रवाल ने इंडिया टीवी से खास बातचीत करते हुए अपने डेब्यू, भारत की ऐतिहासिक जीत के साथ टीम में विराटो कहली को लेकर कई खुलासे किए। आइए जानते हैं मयंक ने क्या कहा।
ऑस्ट्रेलिया में मिली जीत के बारे में बात करते हुए मयंक ने कहा "बहुत खुशी हुई हमने ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में जाकर हराया। यह एक ऐतिहासिक जीत है। आगे हम और मेहनत करेंगे और जीतने की कोशिश करेंगे। ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराने वाली भारत पहली सबकॉन्टिनेंट टीम बनी। इसका क्रेडिट पूरी टीम को जाता है।"
अपने डेब्यू के बारे में मयंक ने कहा "जब मेरा टीम में चयन हुआ तो मैं बहुत उत्साहित था। मेरी सोच यही थी कि मैं टीम के लिए अच्छा करूं। मेलबर्न पहुंचते ही हमने प्रैक्टिस शुरु कर दी थी और हमारी सोच मैच जीतने की ही थी। मेलबर्न टेस्ट हमारे लिए बहुत बड़ा टेस्ट मैच था। हमारी तैयारी भी वैसी ही थी। सीरीज एक-एक से बराबर थी और तीसरे टेस्ट मैच में हमारी नजर पुरानी हार को भुलाकर सीरीज में वापसी करने की थी।
डेब्यू मैच में हुई नर्वसनेस और हनुमा विहार की साथ एक नई सलामी जोड़ी के साथ मैदान पर उतरने की बात पर उन्होंने कहा "डेब्यू मैच में मैं थोड़ा नर्वस था। आप ऐसी बड़ी सीरीज में अपना डेब्यू करते हो तो दबाव रहता है, लेकिन हमारी रणनिती साफ थी। एक सलामी जोड़ी के नाते हमारी मंशा साफ थी कि हमें पार्टनरशिप करनी है और नई गेंद को पुराना करना है।शुरुआत में मेरे पर थोड़ा दबाव था, लेकिन जब मैंने एक-दो ओवर खेल लिए तो मैं अपने जोन में आ गया। जब एक दो बॉल मिडल हुई तो अच्छा लगा।"
हनुमा विहारी के आउट होने के बाद जब मयंक अग्रवाल ने चेतेश्वर पुजारा के साथ बल्लेबाजी की तो पुजारा ने उनसे कहा कि हमें खेल को फिर से शुरु करना होगा और टीम का प्लान यह था कि गुच्छों में विकेट नहीं देनी।
मयंक ने कहा "पुजारा जब बल्लेबाजी करने आए तो उन्होंने कहा था कि हमें खेल को फिर से शुरु करना होगा। गेम प्लान में यह भी तय हुआ था कि अगर कोई विकेट गिर जाता है तो हम रन भले ही ना बनाए, लेकिन हमें विकेट गुच्छों में नहीं देनी होगी।"
शतक ना लगाने से निराश है मयंक
मयंक अग्रवाल ने अपने पहले टेस्ट मैच में 76 और 42 रन बनाए वहीं दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने 77 रनों की पारी खेली। उन्होंने कहा "शतक ना लगाने से मैं काफी निराशा हूं। मेरा प्लान नाथन लायन पर हावी होकर खेलने का था, लेकिन मैं प्लान पर खड़ा नहीं उतर सकता। इससे मुझे सीख मिली की कब और कितना किस गेंदबाज पर प्रहार करना है।"
टीम में विराट के रवैये के बारे में बात करते हुए मयंक ने कहा "विराट कोहली मैदान पर काफी आक्रामक क्रिकेट खेलते और वो काफी आक्रामक भी रहते हैं, लेकिन जब मैं टीम में गया तो मुझे लगा ही नहीं कि मैं पहली बार आया हूं। सबने अच्छे से मेरा स्वागत किया। जब विराट ने मुझे डेब्यू कैप दी थी तो उन्होंने कहा था कि आप एमसीजी में डब्यू कर रहे हो, ये बहुत अच्छी जगह है और यह आपके लिए बहुत बड़ा मौका है।"
सफेद गेंद से क्रिकेट खेलने के बारे में मयंक ने कहा "मैं एक प्रोसेस से यहां आया हूं और मैं इसी के साथ चलना चाहता हूं। मैं जहां भी खेलूं, जहां भी जाऊं बस रन बनाऊं। जो होना है फिर हो जाएगा, उसपर मेरा ज्यादा फोकस नहीं है। मुझे किसी भी जगह मौका मिलेगा तो मैं कहीं भी खेलूंगा।"
(As told to IndiaTV's Sports Correspondent Vaibhav Bhola)