कोलकाता: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लेग स्पिनर से विश्व कप के सेमी फाइनल में शतक लगाने वाले बल्लेबाज तक का सफर पूरा कर चूके ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव स्मिथ को अपने 100वें एकदिवसीय मैच से पहले लगता है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैचों के लिये परिपक्व हो गये हैं।
स्मिथ ने आज यहां कहा, मुझो लगता है कि मैं सफेद गेंद का खिलाड़ी के रूप में उभरा हूं। जब मैंने एक दिवसीय मैच खेलना शुरू किया था, शुरूआती 30 मैचों में मैं एक गेंदबाज के तौर तरह खेला। मुझो वहां बदलाव करना पड़ा। पिछले काफी समय से मैं तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी कर रहा हूं।
स्मिथ से जब 100वां मैच खेलने की उपलब्धि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, इस मैच के लिये मुझे लय में आना होगा, चाहे वह गेंद को सीमा रेखा से बाहर भेजना हो या फिर सही समय सही शॉट का चयन करना। जैसे-जैसे आप खेलते हैं वैसे वैसे आप सीखते हैं। सौवां मैच खेलने को लेकर काफी उत्सुक हूं।
स्मिथ ने कहा कि एकदिवसीय मैचों में उनका सबसे यादगार शतक 2015 विश्व कप के सेमी फाइनल में भारत के खिलाफ था। उन्होंने कहा, विश्व कप के सेमी फाइनल में भारत के खिलाफ खेली गयी पारी मेरी सबसे यादगार पारियों में से हैं। इस मैच में स्मिथ की 93 गेंद में 105 रन की पारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया ने सात विकेट पर 328 रन का चुनौतिपूर्ण स्कोर खड़ा किया और भारत को 95 रनों से शिकस्त दी।
स्मिथ ने कहा, वह बड़ा मैच था और उसमें बड़ा स्कोर करना अच्छा रहा। हमने पहला विकेट जल्दी खो दिया था। इसके बाद मैं आरोन फिंच के साथ साझोदारी करने में सफल रहा। बड़े मैच में मेरी वह पारी अच्छी पारियों में से एक है।
ऑस्ट्रेलिया के लिये 42 एकदिसीय मैचों में कप्तानी कर चुके स्मिथ ने कहा, मुझो लगता है आप हमेशा सिखते हैं। आप हमेशा कुछ अच्छा करने की सोचते हैं। आप कभी संतुष्ट नहीं हो सकते। मैंने काफी कुछ सीखा है लेकिन अभी काफी कुछ सीखना बाकी है।