श्रीलंका के खिलाफ लिमिटेड ओवर की सीरीज में भारतीय टीम की कोचिंग की जिम्मेदारी संभालने वाले राहुल द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने पूर्णकालिक आधार पर राष्ट्रीय टीम का कोचिंग पद संभालने के बारे में सोचा नहीं है। पूर्व भारतीय कप्तान और महान बल्लेबाज द्रविड़ ने हालांकि कहा कि उन्होंने श्रीलंका में टीम की कोचिंग के ‘अनुभव का लुत्फ’ उठाया।
द्रविड़ ने तीसरे और अंतिम टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच के बाद गुरूवार की रात वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मैंने इस अनुभव का लुत्फ उठाया। मैंने आगे के बारे में सचमुच कुछ सोचा नहीं है। ’’
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द्रविड़ से उनके अनुभव साझा करने के लिये पूछा गया कि अगर भविष्य में मौका मिलता है तो वह क्या कोचिंग पद की जिम्मेदारी संभालना चाहेंगे। इस महान बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं जो अभी कर रहा हूं, उसमें खुश हूं। मैंने इस दौरे के अलावा किसी अन्य चीज के बारे में सोचा नहीं है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अनुभव का लुत्फ उठाया और मुझे इन खिलाड़ियों के साथ काम करना अच्छा लगा। यह शानदार रहा। और मैंने किसी अन्य चीज के बारे में सोचा नहीं है। पूर्णकालिक भूमिका निभाने में काफी चुनौतियां होती हैं इसलिये मैं वास्तव में नहीं जानता। ’’
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भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री इस समय भारतीय टेस्ट टीम के साथ हैं जो न्यूजीलैंड से विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल हार गयी थी और अब इंग्लैंड से पांच मैचों की श्रृंखला खेलेगी।
शास्त्री का अनुबंध टी20 विश्व कप के अंत तक का है जो 17 अक्टूबर से 14 नवंबर तक संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में खेला जाना है और अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वह दोबारा से आवेदन भरना चाहेंगे क्योंकि उनकी उम्र 59 वर्ष है और भारतीय कोच पद के लिये उम्र की अधिकतम सीमा 60 वर्ष है।