कोरोना महामारी के कारण पूरी दुनिया में खेल ठप्प पड़े हुए हैं। ऐसे में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने भी जुलई माह तक किसी भी प्रकार के मैच पर रोक लगा रखी है। इसी बीच इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व सहायक कोच पॉल फारब्रेस का मानना है कि इस महामारी का असर आर्थिक रूप से इंग्लैंड के सभी घरेलू यानी काउंटी क्रिकेट क्लबों पर भी पड़ेगा।
हलांकि दूसरी तरफ वर्ल्ड क्रिकेट की कर्ताधर्ता अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ( आईसीसी ) बिना फैंस के क्रिकेट को जल्द से जल्द वापस मैदान में लाने पर विचार कर रही है। जबकि काउंटी क्रिकेट के वापस आने में अभी काफी समय है।
इस पर काउंटी टीम वारविकशर के खेल डायरेक्टर के पद पर काबिज फारब्रेस ने ‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ से कहा, ‘‘हमारे में से प्रत्येक व्यक्ति मुश्किल स्थिति में है- इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किसी पद पर हैं, प्रत्येक क्लब अपने वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर रहा है और देख रहा है कि वह सर्वश्रेष्ठ क्या कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खेल मुश्किल स्थिति में है। ईसीबी शानदार काम कर रहा है, क्लबों के साथ लगातार संवाद कर रहा है और उन्हें आर्थिक रूप से जो मदद दी है वो बेजोड़ है।’’
फारब्रेस ने कहा, ‘‘लेकिन हम सभी को पता है कि ईसीबी के पास भी सीमित पैसा है और खेल पर काफी असर पड़ने वाला है। हर समय इंग्लैंड नहीं खेलता है और स्काई (प्रसारणकर्ता स्काई स्पोर्ट्स) को वह नहीं मिलता जो वह चाहता, जो दिखाने के लिए लाइव क्रिकेट है, सभी पर इसका असर पड़ने वाला है।’’ कई क्रिकेटरों ने विभिन्न काउंटी टीमों के साथ अपने अनुबंध गंवा दिए हैं।“
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बता दें कि काउंटी क्रिकेट के अब तक नौ दौरे रद्द हो चुके हैं। जिसके बाद अब पूरे सीजन के रद्द होने पर भी खतरे के काले बादल मंडरा रहे हैं। इस तरह अगर काउंटी सीजन रद्द होता है तो बोर्ड को 50 लाख पाउंड तक का नुकसान होगा। जिस पर फारब्रेस ने कहा, ‘‘हर हफ्ते के बीतने के साथ और क्रिकेट नहीं खेलने के कारण हर पाउंड के नुकसान से, सभी को पता है कि कुछ मुश्किल फैसले किए जाएंगे।’’
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( With Input Bhasa )