नई दिल्ली। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि इंग्लैंड की मौजूदा टीम भारत के विश्वस्तरीय तेज गेंदबाजी आक्रमण से पूरी तरह हैरान है और सिर्फ उसके कप्तान जो रूट ही बड़ा शतक लगाने में सक्षम दिख रहे हैं। उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिये विशेष साक्षात्कार में लॉर्ड्स में इंग्लैंड पर भारत की जीत के अलावा कप्तान विराट कोहली के तकनीकी समायोजन, नयी गेंद के खिलाफ रोहित शर्मा की बल्लेबाजी और लय हासिल करने के बाद दो टेस्ट में 12 विकेट लेने वाले जसप्रीत बुमराह के बारे में बात की। तेंदुलकर ने कहा कि इंग्लैंड के कप्तान रूट ने टॉस जीतने के बाद जब भारत को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया तो उन्होंने आश्चर्यचकित होने के साथ यह भी महसूस किया कि उनकी टीम भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण से घबरा गयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने टॉस जीतकर जो रूट को भारत को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित करते हुए देखा, तो मैं वास्तव में हैरान था और मुझे लगा कि यह अपने आप में एक संकेत था कि इंग्लैंड हमारे तेज गेंदबाजी आक्रमण को लेकर चिंतित था। सच कहूं तो मैंने शुक्रवार सुबह लगभग आठ बजे एक दोस्त को बताया था कि अगर मौसम ने साथ दिया, तो हम यह टेस्ट मैच जीतेंगे। हमारे सलामी बल्लेबाजों को भी श्रेय मिलना चाहिये वे (पहली पारी में) शानदार थे।’’
इंग्लैंड की बल्लेबाजी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इस बल्लेबाजी इकाई में जो रूट को छोड़ कर मैं किसी को नियमित तौर पर बड़ी शतकीय पारी खेलते हुए नहीं देख रहा हूं। शायद वे किसी मैच में बड़ा स्कोर कर दे लेकिन मैं नियमित तौर पर ऐसी पारी की बात कर रहूं। अतीत की टीमों में एलिस्टेयर कुक, माइकल वॉन, केविन पीटरसन, इयान बेल, जोनाथन ट्रॉट, एंड्रयू स्ट्रॉस जैसे कई खिलाड़ी थे जो लगातार अच्छा खेलते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कमजोर बल्लेबाजी के कारण रूट ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया होगा।’’
तेंदुलकर ने रोहित शर्मा की बल्लेबाजी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ मैंने जो कुछ भी देखा है, मुझे लगता है, उसने सुधार किया है और अपने खेल के दूसरे पक्ष को दिखाया है कि वह कैसे बदलाव कर परिस्थिति के अनुसार खेल सकता है।’’
रोहित इस दौरे पर गैर जिम्मेदाराना तरीके से अपना पसंदीदा हुक और पुल शॉट खेलकर आउट हो गये लेकिन तेंदुलकर ने उनका बचाव करते हुए कहा, ‘‘ उसने एक नेतृत्वकर्ता की तरह लोकेश राहुल का शानदार सहयोग दिया है। जहां तक पुल शॉट खेलने की बात है तो उन्होंने उस शॉट से कई बार गेंद को बाउंड्री के पार भेजा है और मैं यह देख रहा हूं कि उसने दोनों टेस्ट में टीम के लिए क्या हासिल किया है।’’
उपकप्तान अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा ने दूसरी पारी शतकीय साझेदारी करके भारत को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला। उन्होंने हालांकि इस दौरान काफी धीमी बल्लेबाजी की।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ जब वे क्रीज पर आये तो 28 रन पर तीन विकेट गिर गये थे। यह देखते हुए उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अगर हम 60 रन तक पांच विकेट गंवा देते तो मैच पूरी तरह से बदल जाता। उन्होंने पारी संवारने में अपनी भूमिका निभाई।’’
भारतीय कप्तान विराट कोहली की खराब फॉर्म के बारे में पूछे जाने पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले तेंदुलकर ने कहा, ‘‘ विराट की शुरुआत अच्छी नहीं रही। कई बार दिमाग में चल रही चीजों से तकनीकी गलतियां हो सकती है। जब आपको अच्छी शुरुआत नहीं मिलती है तो आप बहुत सी चीजों के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। ऐसी परिस्थिति में चिंता का स्तर अधिक होता है, इसलिए आप अपने खेल से खराब पारियों की भरपाई करना चाहते है। ऐसा सबके साथ होता है।’’
भारतीय टीम की मौजूदा तेज गेंदबाजी से कपिल देव, जवागल श्रीनाथ और जहीर खान के दौर की गेंदबाजी से तुलना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ आज यह गेंदबाजी आक्रमण दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है। यह प्रतिभा, अनुशासन और फिटनेस पर कड़ी मेहनत और अधिक सीखने की इच्छा को दर्शाता है। मुझे दूसरे युग से तुलना करना पसंद नहीं है क्योंकि गेंदबाजी आक्रमण को भी बल्लेबाजों द्वारा आंका जाना चाहिए जो उनके खिलाफ बल्लेबाजी कर रहे हैं। कपिल या श्रीनाथ या जहीर की पीढ़ी के दौरान, उनके सामने अलग-अलग बल्लेबाज थे।’’
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में निराशाजनक गेंदबाजी के बाद लय हासिल करने वाले जसप्रीत बुमराह के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगा कि डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले बुमराह को लंबे स्पैल का पर्याप्त अभ्यास नहीं मिला था। वह उस तरह का गेंदबाज है जो जितना अधिक गेंदबाजी करेगा उतना ही बेहतर होगा। उसके पास न केवल एक बड़ा दिल है, बल्कि दिमाग भी है और यह हमने कल देखा जब उसने ओली रॉबिन्सन को एक शानदार धीमी गेंद पर आउट किया।’’