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कभी गोल-गप्पे बेचा करता था ये क्रिकेटर, अब बना अंडर 19 एशिया कप में ‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट’, दिलचस्प है सफर

यशस्वी बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन यूपी के भदोही में छोटी सी दुकान चलाने वाले उनके पिता ...

Written by: India TV Sports Desk
Published : October 08, 2018 21:29 IST
yashasvi jaiswal twitter
Image Source : TWITTER अंडर 19 एशिया कप में अपने बल्ले से धमाल मचाने वाले यशस्वी जायसवाल 

एशिया कप अंडर19 के फाइनल मैच में भारत ने श्रीलंका को 144 रनों से हराकर छठी बार इस खिताब को अपने नाम किया। भारत की तरफ से फाइनल मैच में सबसे ज्यादा 85 रन बनाने वाले यशस्वी जायसवाल ने पूरे टूर्नामेंट में दमदार प्रदर्शन किया जिसकी बदौलत उन्हें 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' के अवॉर्ड से नवाजा गया। यशस्वी ने इस टूर्नामेंट में 3 मैच खेलकर 214 रन बनाए, इसी के साथ वो इस टूर्नामेंट में 200 का आंकड़ा पार करने वाले इकलौते बल्लेबाज भी बने।

यशस्वी की इस कामयाबी के पीछे उनका काफी संघर्ष छिपा है। क्या आप मानेंगे कि इस मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे खिलाड़ी ने कभी खेलने के लिए गोल-गप्पे भी बेचे थे?  शायद नहीं, लेकिन यशस्वी को पैसों की किल्लत के चलते ऐसा करना पड़ा था।

दरअसल, यशस्वी बचपन से ही क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन यूपी के भदोही में छोटी सी दुकान चलाने वाले उनके पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह यशस्वी को कोचिंग दिला सकें। 10-11 साल की उम्र में यशस्वी मुंबई अपने चाचा के पास आ गए, लेकिन चाचा की हालत भी खस्ता थी।

लेकिन चाचा के कहने पर यशस्वी को मुस्लिम यूनाइटेड क्लब ने अपने टेंट में रहने की अनुमति दे दी, जहां कुछ और बच्चे रहते थे। यह यशस्वी ने क्रिकेट खेलना शुरु किया। जब यशस्वी यहां खेला करते थे तो उनके पिता उन्हें पैसे तो भेजते थे, लेकिन वो यशस्वी को पूरे नहीं होते थे। इस वजह से यशस्वी ने गोल-गप्पे बेचना शुरु कर दिए।

यशस्वी का क्रिकेट करियर तब सुधरा जब उनकी मुलाकात कोच ज्वाला सिंह से हुई। यशस्वी का टैलेंट देख कोच ने उसे फ्री में कोचिंग देना शुरु किया। यशस्वी कोच के साथ मेहनत करते गए और उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने एक मैच में तिहरा शतक लगाया और साथ ही 13 विकेट भी लिए। इसी के साथ उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज हुआ।  

अभी कुछ समय पहले क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने यशस्वी को घर बुलाकर एक बैट भी गिफ्ट दिया था। सचिन को यशस्वी के बारे में अर्जुन तेंदुलकर से पता चला था। जुलाई में श्रीलंका दौरे पर गई भारतीय अंडर 19 टीम में यशस्वी अर्जुन के साथ थे।

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