अबु धाबी: श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने अपने खिलाड़ियों से साफ़तौर पर कह दिया है कि उन्हें लाहौर में आयोजित तीसरा टी-20 मैच खेलना ही पड़ेगा और अगर उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें अगली दो टी-20 सिरीज के लिए श्रीलंका की टीम में शामिल नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाड़ी लाहौर में खेले जाने वाले तीसरे टी-20 मैच का विरोध कर रहे हैं. पाकिस्तान के खिलाफ वर्तमान में वनडे सिरीज़ खेल रही श्रीलंका टीम तीन टी-20 मैचों की सिरीज भी खेलेगी। इस सीरीज के पहले दो मैच अबु धाबी में खेले जाएंगे वहीं अंतिम टी-20 मैच लाहौर में खेला जाएगा।
इस आयोजन से नाखुश श्रीलंका टीम के कुछ खिलाड़ियों ने बोर्ड से लिखित में आग्रह कर तीसरे टी-20 मैच का आयोजन लाहौर के स्थान पर किसी अन्य जगह कराने के लिए कहा था, लेकिन बोर्ड ने कोलंबो में हुई बैठक में इस मैच को लाहौर में ही खेलने का फैसला किया।
बोर्ड वर्तमान में राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान में खेलना असुरक्षित नहीं है, लेकिन अंतरिम रूप से उसने इस ओर भी इशारा किया है कि तीसरे टी-20 मैच को खेलने के लिए तैयार खिलाड़ी ही लाहौर जाएंगे और वे खिलाड़ी ही अबु धाबी में होने वाले दो टी-20 मैचों में भी खेलेंगे।
बोर्ड की चयन समिति के प्रमुख ग्रामे लाबरोय ने कहा कि यह फैसला स्वयं चयनकर्ताओं के बजाए बोर्ड और खेल मंत्रालय द्वारा लिया गया है।
2009 में श्रीलंकाई टीम पर बेहद खतरनाक हमला हुआ था. 3 मार्च 2009 को श्रीलंका टीम लाहौर में गद्दाफी स्टेडियम जा रही थी. तभी उनके काफिले पर घात लगाकर बैठे लश्कर-ए-झांगवी से संबंधित 12 से 15 आतंकियों ने लिबर्टी चौक पर हमला कर दिया. जिस बस में श्रीलंकाई खिलाड़ी बैठे थे. आतंकियों ने सबसे पहले बस को ही निशाना बनाया. पहले गोलियां चलाईं फिर रॉकेट भी दागा. लेकिन निशाना चूक गया. बस पर हैंड ग्रेनेड से भी हमला किया गया. पर ग्रेनेड फटने के पहले बस उसके ऊपर से गुजर कर पार हो गई.