नॉटिंघम। इंग्लैंड के कप्तान जोए रूट ने कहा है कि भारत के खिलाफ शनिवार से शुरू हो रहे तीसरे टेस्ट मैच में बेन स्टोक्स को अंतिम एकादश में शामिल करने का फैसला उनके कप्तानी करियर के सबसे मुश्किल फैसलों में से एक है। स्टोक्स दूसरे टेस्ट मैच में ब्रिस्टल मामले में सुनवाई कारण टीम से बाहर थे। इंग्लैंड ने ट्रेंट ब्रिज में खेले जाने वाले तीसरे मैच में स्टोक्स को अंतिम एकादश में जगह दी है।
स्टोक्स को पहले 13 सदस्यीय टीम में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने कहा था कि स्टोक्स को टीम में जगह देने पर फैसला ब्रिस्टल मामले में सुनवाई के बाद लिया जाएगा।
मामले की सुनवाई के तुरंत बाद ईसीबी ने इस हरफनमौला खिलाड़ी को टीम में शामिल कर लिया और मैच की पूर्व संध्या पर रूट ने उन्हें अंतिम-11 में चुनने का भी फैसला किया। स्टोक्स के कारण पहले दो मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सैम कुरैन को बाहर जाना पड़ा है।
बीबीसी ने रूट के हवाले से लिखा, "यह शायद टेस्ट कप्तान के तौर पर मेरे द्वारा लिया गया सबसे मुश्किल फैसला है। स्टोक्स हमारे लिए लंबे समय से लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। उन्होंने एजबेस्टन में शानदार बल्लेबाजी की थी। वह मैदान पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।"
इंग्लैंड इस पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से आगे है। उसकी कोशिश तीसरे मैच में जीत हासिल कर सीरीज अपने नाम करने पर है।
स्टोक्स खेलने के लिए कितने तैयार हैं, इस पर रूट ने कहा, "मैंने उनके साथ बीती रात बैठ कर बात की थी और उनसे ईमानदारी से पूछा था कि क्या वह खेलने के लिए तैयार हैं और उन्होंने मुझे पूरी तरह से आश्वस्त करते हुए कहा था कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ देने को तैयार हैं।"
कुरैन के बाहर जाने पर रूट ने कहा, "कुरैन हमारे आक्रमण में कुछ अलग लेकर आए थे। उन्होंने इस सीरीज में अभी तक शानदार काम किया है। आप कह सकते हैं कि यह आसान फैसला रहा होगा, लेकिन मैं इसे इस तरह से नहीं देखता। वह जब खेलते हैं तो शानदार प्रदर्शन करते हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाली सीरीज में उन्हें काफी अहम रोल निभाना है।"