भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कहा कि महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ देश के सबसे ‘कमतर आंके’ गये पूर्व कप्तान में से एक हैं। उन्होंने कहा द्रविड़ का योगदान मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की तरह है लेकिन उन्हें प्रयाप्त श्रेय नहीं मिला। द्रविड़ ने भारत के लिए 79 वनडे मैचों कप्तानी की जिसमें से टीम को 42 में जीत मिली इसमें लगातार 14 मैच जीतने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
सैंतालिस साल के द्रविड़ की कप्तानी में भारत ने वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया। गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में कहा, ‘‘ यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम राहुल द्रविड़ को उनकी कप्तानी का प्रर्याप्त श्रेय नहीं देते। हम केवल सौरव गांगुली, एमएस धोनी के बारे में बात करते हैं, अब हम विराट कोहली के बारे में बात करते हैं, लेकिन राहुल द्रविड़ भारत के लिए एक शानदार कप्तान रहे हैं।’’
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भारत के लिए 164 टेस्ट में 13288 रन और 344 वनडे में 10889 रन बनाने वाले इस शानदार बल्लेबाज के बारे में गंभीर ने कहा, ‘‘ यहां तक कि उनके रिकॉर्ड भी शानदार है। क्रिकेटर के तौर पर उनके योगदान को कम आंका गया और कप्तान के तौर पर भी शायद वह सबसे कम आंके गये खिलाड़ी है। हमने उनकी कप्तानी में इंग्लैंड, वेस्टइंडीज में जीत हासिल की, हम लगातार 14 या 15 मैचों में जीत हासिल करने में सफल रहे थे।’’
द्रविड 2016 से 2019 तक भारत के अंडर -19 और ए टीमों के लिए मुख्य कोच थे और अब वह बेंगलुरू स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में क्रिकेट संचालन के निदेशक हैं। विश्व कप (2011) और टी20 विश्व कप (2007) जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे गंभीर ने कहा कि भारतीय क्रिकेट पर द्रविड का प्रभाव तेंदुलकर और गांगुली से ज्यादा है।
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उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि उनका प्रभाव काफी ज्यादा रहा है। सौरव गांगुली ने हमेशा अपनी आक्रामक पारी की वजह से एकदिवसीय क्रिकेट में बड़ा प्रभाव डाला, लेकिन भारतीय क्रिकेट में राहुल द्रविड़ का प्रभाव शायद किसी से भी ज्यादा है।’’
उन्होंने कहा , ‘‘आप वास्तव में सचिन तेंदुलकर जैसे किसी खिलाड़ी के साथ उनके प्रभाव की तुलना कर सकते हैं । उनका पूरा करियर सचिन तेंदुलकर की आभा में दब गया लेकिन प्रभाव शायद उतना ही रहा।’’
शानदार बल्लेबाज के अलावा द्रविड़ बेहतरीन क्षेत्ररक्षक और विकेटकीपर भी थे। उन्होंने विकेटकीपर के तौर पर 1999 से 2004 तक 73 मैचों में 85 बल्लेबाजों को आउट किया। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में गैर-विकेटकीपर क्षेत्ररक्षक के रूप में सर्वाधिक कैच लेने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया, जिसमें 164 मैचों में 210 कैच लिए।