धोनी ने कहा कि टी20 श्रृंखला का सकारात्मक पहलू यह है कि इससे पांच मैचों की वनडे श्रृंखला से पहले सही टीम संयोजन तलाशने में मदद मिलेगी । उन्होंने कहा , टी20 की अच्छी बात यह है कि वनडे से पहले हमें अच्छा अभ्यास मिल गया है । हम इसका पूरा फायदा उठाकर वनडे के लिये सर्वश्रेष्ठ टीम संयोजन उतारेंगे ।
धर्मशाला में हार का कारण खराब गेंदबाजी रहा तो यहां बल्लेबाज कमजोर कड़ी साबित हुए हालांकि कप्तान ने बल्लेबाजों का बचाव किया । उन्होंने कहा , पिछले मैच में हमने अच्छी बल्लेबाजी की थी । हम दो पहलुओं पर मेहनत करना चाहते थे, एक रन आउट रोकना और दूसरा जल्दी विकेट नहीं गंवाना । इस मैच में इन्हीं दो वजहों से हमारी बल्लेबाजी कमजोर हुई । हमें 140 . 150 रन बनाने चाहिये थे।
बल्लेबाजी के बारे में धोनी ने कहा , यदि आप हमारी टीम को देखें तो टी20 और वनडे में अधिकांश बल्लेबाज वहीं हैं । यही हमारी ताकत है और अचानक से लोगों को उस तरह का खेल खेलने के लिये नहीं कह सकते जो उनकी ताकत नहीं है ।
धोनी ने स्पिनर आर अश्विन की तारीफ की जिसने 24 रन देकर तीन विकेट लिये । उन्होंने कहा , स्पिनर हमारी ताकत रहे हैं । उन्हें पिच से ज्यादा मदद नहीं मिल रही थी लेकिन उन्होंने उछाल का सही इस्तेमाल किया । धर्मशाला में मैदान छोटा होने से हम अतिरिक्त स्पिनर को नहीं उतार सके थे । कुल मिलाकर स्पिनर हमारी ताकत हैं और उनके अच्छा नहीं खेलने से हमारे प्रदर्शन पर असर पड़ता है ।
धोनी ने आगे कहा कि ओस को देखते हुए मैच थोड़ा पहले कराना बुरा प्रस्ताव नहीं होगा । उन्होंने कहा , मेरा हमेशा से मानना रहा है कि इस मौसम में हालात के कारण अंतिम एकादश चुनना मुश्किल होता है । कई बार टास भी अहम हो जाता है । यही वजह है कि मैं मैच थोड़ा पहले शुरू करने का हिमायती रहा हूं ताकि ओस का ज्यादा असर नहीं पड़े ।
बाराबती की पिच पर कुछ दरारें थी और धोनी ने कहा कि वे अपने अनुकूल पिचें बनाने की मांग नहीं करते, खासकर सीमित ओवरों के प्रारूप में । उन्होंने कहा , वनडे और टी20 प्रारूप में हम ऐसी कोई मांग नहीं करते । मेजबान संघ सर्वश्रेष्ठ पिच बनाता है और हम उसी पर खेलते हैं ।