भारतीय टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग ने क्रिकेट में भ्रष्टाचार और डोपिंग के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि खेल के हर पहलू को साफ सुथरा रखना खिलाड़ियों के साथ प्रशासकों की भी जिम्मेदारी है। सहवाग ने बीसीसीआई पुरस्कार समारोह के दौरान रविवार रात को यहां ‘एमएके पटौदी स्मारक व्याख्यान’ में कहा कि खिलाड़ियों को कभी भी भ्रष्टाचार को लेकर हुए संपर्क के प्रयास की बात को छुपाना नहीं चाहिए।
सहवाग ने कहा, ‘‘अगर आप इस खेल से प्यार करते हैं तो आपको ऐसे रास्ते पर नहीं जाना चाहिए। अगर आप ऐसा रास्ता चुनते है तो इसका मतलब यह है कि आप इस खेल को प्यार नहीं करते और सिर्फ पैसे के लिए खेलते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर आप अच्छा खेलते हैं तो पैसे अपने आप आयेंगे। अगर कोई आप से (भ्रष्टाचार या फिक्सिंग के लिए) संपर्क करता है तो कृपया बीसीसीआई और आईसीसी को इसकी सूचना दिजिए, यह जरूरी है। अगर आप नजरअंदाज करेंगे तो वह किसी और से संपर्क करेगा और कोई इस तरह की हरकत कर सकता है। यह सुनिश्चित करिये कि आप बीसीसीआई को इसकी सूचना दें।''
डोपिंग पर अपने विचार साझा करते हुए इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि इसके लिए अधिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उन्होने कहा, ‘‘ मैं समझ सकता हूं कई क्रिकेटर फिटनेस के लिए काफी कुछ करते हैं। वह कई तरह के पेय पदार्थ लेते हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि आप कोई ऐसी मांसपेशियां बना सकते हैं जिससे आपके बल्लेबाजी या गेंदबाजी प्रदर्शन में निखार आये। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ खुद को डोपिंग रोधी परीक्षण के लिए हमेशा तैयार रखिये। हमने देखा है बीसीसीआई ने प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाये जाने पर कुछ क्रिकेटरों को प्रतिबंधित किया है। यह बीसीसीआई की जिम्मेदारी है कि वह अंडर-16 और अंडर-19 के स्तर से जागरुकता फैलाये।’’