कराची। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के सीईओ डेव रिचर्डसन ने सोमवार को कहा कि विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बहुचर्चित मुकाबले पर उन्हें कोई खतरा नजर नहीं आता क्योंकि दोनों टीमें आईसीसी अनुबंध से बंधी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आईसीसी टूर्नामेंटों के लिये सभी टीमों ने सदस्यों के भागीदारी करार पर हस्ताक्षर किये हैं जिसके तहत उन्हें टूर्नामेंट के सभी मैच खेलने होंगे। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो खेलने की शर्तों के अनुसार दूसरी टीम को अंक दिये जायेंगे।’’
पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद ऐसी मांग की जा रही है कि भारत 16 जून को मैनचेस्टर में पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप का मैच नहीं खेले। भारतीय क्रिकेट का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति ने भी आईसीसी को पत्र लिखकर मांग की थी कि आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों का बहिष्कार किया जाये।
भारतीय टीम ने रांची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे के दौरान भी पुलवामा के शहीदों को श्रृद्धांजलि देने के लिये सेना की विशेष कैप पहनी थी। इसके साथ ही पूरी मैच फीस राष्ट्रीय रक्षा कोष में दे दी थी। पाकिस्तान ने इसका विरोध करते हुए आईसीसी को पत्र लिखकर भारत पर खेल के राजनीतिकरण का आरोप लगाया था।
आईसीसी ने हालांकि कहा कि भारतीय बोर्ड ने इसकी पहले ही अनुमति ले ली थी और इसके पीछे कोई राजनीति नहीं थी। रिचर्डसन ने कहा, ‘‘वह एक मामले में अनुमति दी गई थी क्योंकि उसका मकसद उन जवानों के परिवारों के लिये धन एकत्र करना था। आईसीसी खेलों को राजनीति से अलग रखती आई है।’’ भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट की बहाली में आईसीसी की भूमिका के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह दोनों बोर्ड पर निर्भर करता है।