चेन्नई। भारत के कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों के इस साल रणजी ट्राफी नहीं खेलने को लेकर हो रही आलोचना पर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शुक्रवार को कहा कि लोगों को ‘व्यक्तिगत पसंद की आलोचना’ करने से बचना चाहिये। युजवेंद्र चहल और शिखर धवन ने इस साल रणजी ट्राफी नहीं खेला जबकि भारत के लिये सिर्फ एक प्रारूप में खेलने वाले अंबाती रायुडू ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को 2014 में अलविदा कह दिया था। सुनील गावस्कर ने हाल ही में कहा था कि मैच फिट रहने के लिये उन्हें प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना चाहिये। धोनी ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और इंडिया सीमेंट के प्रमुख एन श्रीनिवासन की किताब के विमोचन के मौके पर कहा, ‘‘खिलाड़ियों को संभालना जरूरी है। हमें घरेलू सर्किट थोड़ा कम चुनौतीपूर्ण बनाना चाहिये। इसके अलावा टी20 क्रिकेट और व्यक्तिगत पसंद की भी ज्यादा आलोचना नहीं की जानी चाहिये।’’
धोनी ने भारतीय टीम के विभिन्न प्रारूपों में प्रदर्शन पर संतोष जताया और आस्ट्रेलिया में सफलता का श्रेय गेंदबाजों को दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम जिस तरह से खेल रहे हैं, मैं काफी खुश हूं। तेज गेंदबाज टेस्ट क्रिकेट में उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं। टेस्ट मैच जीतने के लिये 20 विकेट चाहिये जो चाहे स्पिनर लें या तेज गेंदबाज।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गेंदबाज 20 टेस्ट विकेट ले रहे हैं और हमारे पास हर टेस्ट जीतने का मौका है।’’