अनुभवी भारतीय बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा ने खुलासा किया है कि धोनी की कप्तानी में पहला T20 विश्व कप जीतने के बाद वह लगातार 3 दिनों तक सो नहीं पाए थे। भारत ने दक्षिण अफ्रीका में खेले गए 2007 टी 20 विश्व कप के फाइनल में पाकिस्तान को पांच रनों से हराकर खिताब अपने नाम किया था। उथप्पा ने राजस्थान रायल्स के पोडकास्ट सत्र के दौरान ईश सोढ़ी से कहा, "विश्व कप जीतने के बाद मैं तीन दिनों तक सो नहीं पाया। हम सिर्फ इसलिए खुश थे कि हमने पाकिस्तान को फाइनल में हराया था।"
उन्होंने कहा, "जब हम भारत लौटे तो नजारा देखने लायक था। हमारा शानदार अंदाज में स्वागत किया गया। बॉम्बे किसी के लिए नहीं रुकता लेकिन उस दिन पूरा शहर ठहर सा गया और केवल उसी दिशा में चल रहा था जिस तरफ हमारी बस चल रही थी। उस एक दिन में हमने भारत के सभी मौसम का आनंद लिया।"
उन्होंने आगे कहा, "आमतौर पर उस दूरी को तय करने में 45 मिनट से एक घंटे तक का समय लगता है, लेकिन उस दिन हमें साढ़े 5 घंटे से भी ज्यादा समय लगा। इस दौरान हमें ठंड से लेकर बारिश और फिर गर्मी तक का अहसास हुआ। जब तक हम वानखेड़े पहुँचे, तब तक हम काफी भूख लगने लगी थी।
उथप्पा ने उस शानदार दिन को याद करते हुए कहा, "मुझे याद है कि लोग हमारी तरफ पर पानी, फल और चॉकलेट फेंक रहे थे ताकि हमें एनर्जी मिलती रहे और चलते रहें। वो नजारा काफी मजेदार था। 1983 के बाद T20 विश्व कप जीतना एक बड़ी राहत थी।"
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राजस्थान रायल्स के पोडकास्ट सत्र में रॉबिन उथप्पा ने उस गलती के बारें में भी बात की जिसकी वजह से वह ज्यादा लंबा नहीं खेल सके थे। उथप्पा का मानना है कि 25 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में खेलने की इच्छा के कारण उन्होंने अपनी बल्लेबाजी तकनीकी में बदलाव करने की गलती की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सबसे बड़ा लक्ष्य भारत के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलना था। अगर मैं 20-21 की उम्र में ऐसी कोशिश करता तो टेस्ट क्रिकेट खेल लिया होता। इसलिए मैंने 25 साल की उम्र में प्रवीण आमरे की देखरेख में अपनी बल्लेबाजी तकनीकी में बदलाव करने का फैसला किया ताकि लंबे समय तक क्रीज पर टिककर खेल सकूं। इस वजह से मैंने अपनी बल्लेबाजी की आक्रामकता खो दी।"
उथप्पा ने भारत की तरफ से 46 वनडे और 13 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। वह लंबे समय टीम इंडिया से बाहर हैं। उन्होंने भारत की ओर से आखिरी मैच 2015 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था।