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महिला क्रिकेट टीम के कोच विवाद में फंसा बीसीसीआई, विराट कोहली का भी नाम उछला

इसी मामले में डायना एडुल्जी ने बीसीसीआई को आड़े हाथों लिया, जिसमें कोहली भी फंस गए।

Reported by: IANS
Updated on: December 13, 2018 10:52 IST
महिला क्रिकेट टीम कोच...- India TV Hindi
Image Source : GETTY महिला क्रिकेट टीम कोच विवाद में फंसा बीसीसीआई, विराट कोहली का भी नाम उछला

मुंबई: भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद की आंच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ-साथ पुरुष क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली तक पहुंच चुकी है। इस विवाद में प्रशासकों (सीओए) की समिति डियाना इडुल्जी ने बीसीसीआई द्वारा महिला टीम के कोच की नियुक्ती के लिए बीसीसीआई द्वारा एड-हॉक समिति के गठन पर नाराजगी जताई है। इसी मामले में उन्होंने बीसीसीआई को आड़े हाथों लिया, जिसमें कोहली भी फंस गए। ऐसे में पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी अनिल कुंबले का पिछले साल अचानक दिए गए इस्तीफे का विवाद भी फिर खड़ा हो गया है। 

वेबसाइट 'ईएसपीएन' की रिपोर्ट के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त सीओए की सदस्य इडुल्जी का कहना है कि बीसीसीआई ने कुंबले के इस्तीफे के बाद रवि शास्त्री को भारतीय पुरुष टीम का कोच नियुक्त कर नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि कोहली लगातार बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी को कुंबले के बारे में संदेश भेजते रहते थे, जिसके कारण कुंबले को इस्तीफा देना पड़ा। 

उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई ने जब कुंबले को बताया कि कप्तान कोहली उनके कोचिंग के तरीके से खुश नहीं हैं, तो कुंबले ने मुख्य कोच के पद से इस्तीफा दे दिया। 

इडुल्जी का यह पूरा गुस्सा भारतीय महिला क्रिकेट टीम की नियुक्ति के लिए बीसीसीआई द्वारा गठित की गई एड-हॉक कमिटि की घोषणा के बाद फूटा है। उनका कहना है कि अगर कोहली की प्राथमिकता पर शास्त्री को भारतीय पुरुष टीम का कोच बनाया जा सकता है, तो हरमनप्रीत कौर और स्मृति मंधाना की गुजारिश पर रमेश पोवार को महिला टीम के कोच पद पर बरकरार क्यों नहीं रखा जा सकता। 

उन्होंने कहा, "मुझे महिला खिलाड़ियों द्वारा पोवार के लिए अपील किए जाने पर कुछ गलत नहीं लगता। वे कोहली द्वारा जौहरी को बार-बार संदेश भेजे जाने के बाद कार्यवाही कर कोच बदल सकते हैं। उस समय नियमों का उल्लंघन हुआ था और मैंने आवाज उठाई थी। जब उस समय यह फैसला लिया गया था, तो अब महिला खिलाड़ियों को वह क्यों नहीं मिलता, जो उन्हें लगता है कि उनके लिए सही है।"

उल्लेखनीय है कि भारतीय टीम के साथ कुंबले का अनुबंध 2017 चैंपियंस ट्रॉफी तक था, लेकिन मई के अंत में बीसीसीआई ने पहले ही मुख्य कोच के पद के लिए विज्ञापन जारी कर दिया। इसमें छह उम्मीदवारों के नामों की सूची थी, जिसमें कुंबले का नाम भी शामिल था। इस पूरी प्रक्रिया को सीओए और क्रिकेट सलाहाकार समिति (सीएसी) द्वारा देखा जा रहा था। सीएसी में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। 

इसके बाद सीओए के आदेश पर सीएसी ने कोहली से मिलकर मतभेदों को सुलझाने का सुझाव दिया, लेकिन वे इसमें नाकाम रहे। सीएसी ने कुंबले को ही कोच पद पर बनाए रखने पर सहमति जाहिर की लेकिन तभी बीसीसीआई ने कोच पद की उम्मीदवारी जाहिर करने की तारीख आगे बढ़ा दी और तब शास्त्री ने इस पद के लिए आवेदन किया और उन्हें 2019 विश्व कप तक के लिए कोच पद पर नियुक्त कर दिया गया।

इडुल्जी का कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया गलत थी और इसके साथ ही उन्होंने राय द्वारा एड-हॉक कमिटि के गठन पर आपत्ति भी जाहिर की है। इस मामले में अब सीओए के प्रमुख विनोद राय और इडुल्जी में तनातनी बढ़ गई है। इडुल्जी जहां एक ओर पोवार को उनके पद पर बनाए रखने की कोशिश में हैं, वहीं राय इससे सहमत नहीं हैं। 

राय की ओर से मंगलवार को जारी बीसीसीआई की प्रेस विज्ञप्ति में महिला क्रिकेट टीम के कोच पद के लिए बोर्ड ने एड-हॉक समिति का गठन की घोषणा की गई। इस समिति में पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी कपिल देव, अंशुमन गायकवाड और शांता रंगास्वामी शामिल हैं। नए कोच के लिए उम्मीदवारों के इंटरव्यू 20 दिसम्बर को लिए जाएंगे। 

बीसीसीआई और इडुल्जी को भेजे ई-मेल में राय ने कहा कि वह महिला क्रिकेट के हितों को ध्यान में रखते हुए एड-हॉक समिति बनाने का आदेश दिया था और इस मामले में और अनिश्चितता को बढ़ावा नहीं दे सकते थे। 

इससे नाखुश इडुल्जी ने वेबसाइट 'ईएसपीएन' को दिए बयान में कहा, "इस समिति को बनाने में मेरी सहमति नहीं थी। मैं एकपक्षीय फैसलों को स्वीकार नहीं कर सकती। सुप्रीम कोर्ट ने मुझे समान अधिकार दिए हैं।"

इडुल्जी ने कहा, "एक चेयरमैन के तौर पर वह (राय) एकपक्षीय फैसला नहीं कर सकते हैं। यह बेहद हैरत की बात है कि सीओए के लोकतांत्रिक प्रारूप में केवल एक इंसान के विचारों को ध्यान में रखा जा रहा है और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति के अन्य सदस्यों के विचारों का कोई महत्व नहीं है।"

उल्लेखनीय है कि महिला टीम के कोच पद पर पोवार का कार्यकाल 30 नवम्बर को खत्म हो गया था और इसके बाद बीसीसीआई ने पोवार के करार को बढाने में रुचि नहीं दिखाई, जिसके बाद यह नया विवाद खड़ा हो गया है। इडुल्जी ने राय को लिखे ई-मेल में इस बात पर खास जोर दिया था कि पोवार को मुख्य कोच पद पर बरकरार रखना जाना चाहिए, क्योंकि महिला टी-20 क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर और उप-कप्तान स्मृति मंधाना ने भी यहीं अपील की है। 

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