नयी दिल्ली: हाल ही में अंतरराष्टीय क्रिकेट से सन्यास लेने वाले विस्फोटक बल्लेबाज़ सहवाग ने लंबे समय से चली आ रही इन अटकलों पर यह कहकर विराम लगा दिया कि टीम इंडिया से निकलवाने में धोनी का कोई हाथ नहीं था। सहवाग रजत शर्मा के शो आप की अदालत में सवालों के जवाब दे रहे थे। ये शो 31 अक्टूबर को प्रसारित होगा।
जब रजत शर्मा ने सहवाग से कहा कि पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने खुद एक न्यूज़ एजेंसी से कहा था कि टीम से उन्हें निकलवाने के पीछे धोनी का हाथ था, सहवाग ने कहा: "मुझे नहीं लगता कि धोनी ने ऐसा किया होगा। वह दिल के बहुत अच्छे इंसान हैं। हम सीनियर प्लैयर उनकी इज़्ज़त करते हैं, सभी सीनियर खिलाड़ी उनकी कप्तानी में खेले हैं और जब उन्होंने कप्तानी संभाली सभी सीनियर खिलाड़ियों ने उनका मार्ग दर्शन किया और सुझाव दिए जो उन्होंने माने भी और हमारी टीम ने T20, ODI तथा टेस्ट मैच जीते।"
धोनी से अनबन की खबरें केवल मीडिया की अटकलें थीं,ऐसा कुुछ नहीं था
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी धोनी से अनबन हुई थी, सहवाग ने कहा: "मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ हुआ था। ये सब मीडिया की अटकलें थी कि धोनी-सहवाग में खटर-पटर चल रही है। हम एक होटल में रुकते थे, साथ खेलते थे। अगर ऐसा कुछ हुआ होता तो मुझे बहुत पहले टीम से निकाला जा चुका होता। मुझे नहीं लगता कि गांगुली का बयान सही है।"
टीम चयन में गांगुली का दबदबा था,लेकिन द्रविड़ / कुंबले ने ट्रेंड बदल
यह बताए जाने पर कि सौरव गांगुली ने कहा था कि खिलाड़ियों के चयन में कप्तान की सुनी जाती है, सहवाग ने जवाब दिया: "अमूमन अगर कोई खिलाड़ी परफ़ार्म नहीं कर रहा है तो उसे टीम से निकाला जा सकता है फिर वो कप्तान हो या फिर सीनीयर या जूनियर खिलाड़ी हो। चयनकर्ता खिलाड़ियों को चुनने का पैमाना तय करते हैं। मुझे लगता है कि जब गांगुली कप्तान थे तब खिलाड़ी को टीम में लेने या बाहर करने में कप्तान का हाथ होता था लेकिन राहुल द्रविड और अनिल कुंबले के कप्तान बनने के बाद सीन बदल गया। शायद उन्होंने (द्रविड,कुंबले) ने ट्रेंड बदल दिया कि जो परफ़ॉर्म करेगा वो ही खेलेगा।"