नई दिल्ली: महेंद्रसिंह धोनी एकमात्र ऐसे कप्तान रहे हैं जिनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने आईसीसी के तीनों प्रमुख प्रतियोगिताएं जीती हैं. धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. ये यूं ही नहीं है कि धोनी की गिनती भारत के सबसे सफल कप्तानों में की जाती है. धोनी ने इस साल की शुरुआत में सीमित ओवरों के प्रारूप की टीम की कप्तानी छोड़ी थी.
धोनी को जब 2007 में टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया तो सभी को हैरानी हुई क्योंकि वह कभी रेस में थे ही नहीं. भारत के कप्तान की बागडोर जब धोनी के हाथों में सौंपी गई थी तब वह 26 साल के थे।
धोनी ने दस साल बाद राज़ खोला है कि उन्हें उस वक्त कप्तानी क्यों सौंपी गई होगी. उन्होंने कहा, ''जब मुझे कप्तान बनाया गया, मैं रेस में शामिल भी नहीं था. मुझे लगता है कि खेल को लेकर मेरी समझ और मेरी ईमानदारी की वजह से मुझे यह ज़िम्मेदारी सौंपी गई होगी.
'द प्रिंट' की रिपोर्ट के अनुसार धोनी ने बताया, ''मैं भले ही उस वक्त युवा खिलाड़ी था, लेकिन जब भी मुझसे खेल के बारे में पूछा जाता था मैं बेहिचक अपनी राय प्रकट करता था. खेल को समझना बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसके अलावा उस वक्त मेरे टीम के अन्य सदस्यों से संबंध भी बहुत अच्छे थे.''
धोनी ने 199 वनडे में टीम इंडिया की कप्तानी की जिनमें से भारत ने 110 मैच जीते. धोनी के अनुसार मुंबई में 2011 विश्व कप जीतना उनके करियर का बेहतरीन पल था. उन्होंने कहा, मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में घरेलू दर्शकों के सामने विश्व कप जीतना अलग ही अनुभव था. मैच खत्म होने के चार-पांच ओवर पहले ही सब जान चुके थे हम मैच जीतने वाले हैं और दर्शकों ने वंदे मातरम तथा देशभक्ति के गीत गाने शुरू कर दिए थे. वैसा वातावरण उसके पहले कभी बना नहीं था.