2013 में IPL में स्पॉट फिक्सिंग के विवाद से भूचाल मच गया था. इस विवाद में न सिर्फ चेन्नई सुपरकिंग्स (CSK) टीम के मालिक एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मय्यपन का नाम आया था बल्कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान धोनी का भी नाम उछला था. CSK और इसके डायरेक्टर गुरुनाथ मयप्पन सवालों के घेरे में थे। साथ ही धोनी और एन श्रीनिवासन के रिश्तों को लेकर भी सवाल उठ रहे थे।
आपको बता दें कि स्पॉट फिक्सिंग को लेकर 2013 में चेन्नई सुपरकिंग्स की फ्रेंचाइज़ी रद्द कर दी गई थी। चेन्नई के साथ ही राजस्थान रॉयल्स पर भी दो साल का बैन कर दिया गया था। दोनों टीमें 2018 में वापस IPL में लौटेंगी.
स्पॉट फिक्सिंग कांड के चार साल बाद धोनी चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिक एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मय्यपन पर लगे स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों पर पहली बार खुल कर बोले हैं। धोनी अभी तक इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोले थे. मीडिया रिपोर्ट्स में हालंकि ये दावा किया गया था कि धोनी ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच के लिए बनी कमिटी के सामने गुरुनाथ मयप्पन को ‘क्रिकेट फैन’ कहा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच कमिटी ने स्पॉट फिक्सिंग में मयप्पन की भूमिका को लेकर उनके ऊपर क्रिकेट की किसी भी गतिविधि में शामिल होने पर आजीवन बैन लगा दिया था।
चार साल बाद धोनी ने चुप्पी तोड़ी
अब धोनी ने कई सालों बाद उस विवाद को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है और बताया है कि उन्होंने आखिर जांच कमिटी के सामने स्पॉट फिक्सिंग में मयप्पन की भूमिका को लेकर दरअसल कहा क्या था। वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब ‘डेमोक्रेसी इलेवन’ में इस बात का जिक्र है कि धोनी ने मयप्पन के बारे में क्या बयान दिया था। इस किताब के मुताबिक धोनी ने कहा- ‘ये पूरी तरह से झूठ है कि मैंने जांच कमिटी को कहा था कि मयप्पन सिर्फ एक क्रिकेट फैन (क्रिकेट एन्थूजिऐस्ट) हैं’, मैंने सिर्फ इतना कहा था कि उनका टीम के ऑन फील्ड क्रिकेट निर्णयों से कुछ लेनादेना नहीं है। मैं तो एन्थूजिऐस्ट शब्द को ठीक से बोल भी नहीं सकता।’
धोनी ने साथ ही श्रीनिवासन के बारे में कहा, ‘मुझे सच में इस बात से कई फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या कहते हैं। श्रीनिवासन ऐसे व्यक्ति रहे हैं जिसने हमेशा क्रिकेटरों की मदद की है।’